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ओडिशा के मुख्यमंत्री ने विभागों को डीएमएफ ऑडिट और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया

Odisha CM directs departments to conduct DMF audit and submit annual reports

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को विभिन्न विभागों के सचिवों को प्रत्येक जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) की ऑडिट रिपोर्ट के साथ वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

माझी ने भुवनेश्वर के लोक सेवा भवन में डीएमएफ के संबंध में एक महत्वपूर्ण उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस वर्ष अक्टूबर के अंत तक राज्य के 11 डीएमएफ जिलों से कुल 34,052 करोड़ रुपए एकत्र किए गए हैं, जिनमें से लगभग 55 प्रतिशत का उपयोग विभिन्न परियोजनाओं में किया जा चुका है।

इसमें आगे कहा गया है कि मुख्यमंत्री माझी ने अधिकारियों को लोगों तक बुनियादी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए व्यय बढ़ाने की सलाह दी। बैठक के दौरान यह भी सामने आया कि 10 जिलों में डीएमएफ के पुनर्गठन के बाद, उनके ट्रस्ट बोर्ड की बैठकें पहले ही हो चुकी हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री ने विभागीय सचिवों को प्रत्येक डीएमएफ की वार्षिक और लेखा परीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने और संबंधित जिलों के किसी भी हिस्से में डीएमएफ के तहत लघु खनिजों से एकत्रित धन का उपयोग करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री माझी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन निधियों को क्षेत्र की बुनियादी जरूरतों, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और संचार बुनियादी ढांचे को पूरा करने पर खर्च किया जाना चाहिए और खनन क्षेत्रों के पास स्थित बस्तियों में रहने वाले लोगों को सभी बुनियादी सेवाएं प्रदान की जानी चाहिए।

अधिकारियों को डीएमएफ ट्रस्ट बोर्ड की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करके विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। जिन जिलों में डीएमएफ निधि का संग्रह 10 करोड़ रुपए या उससे अधिक है, उनके प्रशासन को एक बंदोबस्ती निधि स्थापित करने के लिए कहा गया है, जिसका निवेश सरकारी प्रतिभूतियों, अनुसूचित बैंकों के बॉन्ड या सावधि जमा में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बंदोबस्ती निधि का उपयोग उन क्षेत्रों में भावी पीढ़ियों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने के लिए किया जाएगा, जहां खनिज भंडार समाप्त हो गए हैं या जहां किसी कारण से खनन कार्य बंद हो गए हैं।

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