ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) के छात्रावास परिसर में एक नेपाली छात्रा की मौत को लेकर परिसर में छात्रों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने नेपाली काउंसलर संजीव दास शर्मा और नवीन राज अधिकारी से बात कर उन्हें आश्वासन दिया कि छात्रा को न्याय जरूर मिलेगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने नेपाली दूतावास के काउंसलर संजीव दास शर्मा और नवीन राज अधिकारी से बात की। सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि केआईआईटी की छात्रा प्रकृति लामसाल के मामले में न्याय मिलेगा। सीएम ने यह भी आश्वासन दिया कि केआईआईटी परिसर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल की जाएगी। मुख्यमंत्री ने नेपाली छात्रों से परिसर में वापस लौटने और अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने का आग्रह किया।”
पोस्ट में आगे कहा, “केआईआईटी में सामान्य स्थिति की बहाली सुनिश्चित करने के लिए नेपाल के अधिकारियों के साथ राज्य अतिथि गृह में एक चर्चा हुई, जिसमें मंत्री मुकेश महालिंग और सूर्यवंशी सूरज के साथ-साथ मुख्य सचिव मनोज आहूजा भी शामिल हुए। इसके अलावा, नेपाल के विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा ने इस मामले पर सूर्यवंशी सूरज से फोन पर बात की।”
बता दें कि ओडिशा सरकार ने केआईआईटी के छात्रावास परिसर में एक नेपाली छात्रा की मौत और संस्थान द्वारा की गई कार्रवाई की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय तथ्य अन्वेषण समिति का गठन किया है।
राज्य सरकार ने एक बयान में कहा था कि केआईआईटी विश्वविद्यालय से संबंधित हाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने मामले का तत्काल संज्ञान लिया है और सुरक्षा गार्डों की गिरफ्तारी तथा दोषी अधिकारियों को निलंबित करने के लिए कदम उठाए हैं। संस्था को नोटिस जारी कर दिया गया है तथा समिति के निष्कर्षों के आधार पर उचित कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया था, समिति की अध्यक्षता गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) करेंगे, जिसमें महिला एवं बाल विकास और उच्च शिक्षा विभाग के सदस्य शामिल होंगे। समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह सत्यव्रत साहू, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास सुभा शर्मा और सचिव उच्च शिक्षा अरविंद अग्रवाल शामिल हैं।
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