मंडी, 9 मई प्रख्यात रंगमंच हस्तियों और साहित्यकारों की उपस्थिति में, उत्सव सांस्कृतिक ट्रस्ट और भाषा, कला और संस्कृति विभाग द्वारा एक दिवसीय नाटक और पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरदार पटेल विश्वविद्यालय की प्रो-वाइस चांसलर अनुपमा सिंह और मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने की। कार्यक्रम यहां सरस्वती विद्या मंदिर के सभागार में आयोजित किया गया। धरम पाल कपूर की कहानी पर आधारित, वो रोई का नाट्य रूपांतरण और निर्देशन दक्षा उपाध्याय ने किया था।
यह कहानी आम आदमी की गरीबी और भूख के बीच के संघर्ष को प्रस्तुत करती है।
नाटक में मुख्य पात्र एक ही परिवार से हैं, जो बेहद गरीब है। एक-एक करके परिवार के सदस्य अपनी आर्थिक स्थिति के कारण भूख से मरने लगे। इस कठिनाई के बीच, परिवार की मानसिक रूप से विकलांग बेटी रज्जो हर विषम परिस्थिति में हंसती रहती है। शायद, वह यह नहीं समझती कि बेसहारा परिवार किस पीड़ा से गुजरता है। इस नाटक में, परिवार की माँ एक दृढ़ और मातृ व्यक्तित्व वाली है। परिवार में कमाने वाली एकमात्र सदस्य, उसे एक ऐसी महिला के रूप में चित्रित किया गया है जो पहले अपने परिवार की जरूरतों के बारे में सोचती है, और फिर अपनी।
उसे अपनी भूख से ज्यादा अपने परिवार की भूख की चिंता है। दुखद बात यह है कि वह भी बलात्कार की शिकार है, क्रूर असामाजिक तत्वों के हाथों पीड़ित है, अंततः अपमान और भूख की पीड़ा से पीड़ित है। यह हमेशा हंसने वाली लड़की रज्जो के लिए निर्णायक मोड़ है, क्योंकि वह पहली बार रोती है और अपनी जान दे देती है। वोह रोई शीर्षक नाटक के इस महत्वपूर्ण क्षण का संकेत है।
मुख्य कलाकारों – एरिका शर्मा, वेद कुमार, तन्मय शर्मा, अनिल महंत, रोहित शर्मा, सरिता हांडा और दक्षा उपाध्याय – के अभिनय कौशल को सभा द्वारा बहुत सराहा गया। कश्मीर सिंह ने प्रकाश एवं ध्वनि संचालन संभाला।
अनुपमा सिंह ने कहा कि आज के दौर में युवाओं को पहाड़ के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर युवा अपनी संस्कृति और विरासत से परिचित हो जाएं तो वे इसे पूरी दुनिया से परिचित करा सकते हैं।
पूर्व थिएटर कलाकार वीरेंद्र भट्ट ने कहा कि मंडी नगर निगम नाटक रिहर्सल के लिए शहर में उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा। इस अवसर पर लेखक धर्मपाल कपूर की तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए, कपूर ने कहा कि अच्छा लिखने के लिए विचारों का पता लगाने के लिए यात्रा करना आवश्यक है।
साहित्यकार विजय विशाल ने गंगा राम राजी को साहित्य का अग्रणी योद्धा बताते हुए धर्मपाल कपूर द्वारा लिखित पुस्तक गंगा राम राजी के समग्र साहित्य से गुजरते हुए के बारे में चर्चा की।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में कुल्लू से आये आलोचक एवं कवि गणेश गनी ने भी गंगा राम राजी की कृतियों पर वक्तव्य प्रस्तुत किया.