पहली जनवरी से राज्य सरकार के ग्रेड-1 और ग्रेड-2 के अधिकारियों और कर्मचारियों को बिजली सब्सिडी नहीं दी जाएगी। यह फैसला जुलाई में लिया गया था, लेकिन इसे नए साल से लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की।
सुक्खू ने अधिकारियों से बोर्ड की वित्तीय स्थिरता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए नए विचार प्रस्तावित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने में सहायता के लिए पर्याप्त फील्ड स्टाफ सुनिश्चित करने के लिए लाइनमैन और टी-मेट की भर्ती करने की योजना बना रही है। उन्होंने अधिकारियों को पूरे बोर्ड में कर्मचारियों की तैनाती के लिए युक्तिकरण योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया।
सुक्खू ने कहा कि सरकार बोर्ड को वित्तीय रूप से मजबूत करने के लिए 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष उपलब्ध कराएगी।
ग्रेड-1 और ग्रेड-2 के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से सब्सिडी वापस लेने के अलावा सरकार ने औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में भी संशोधन किया है। इस कदम से हर साल करीब 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की संभावना है।
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