कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ शनिवार को धर्मशाला के ऐतिहासिक युद्ध स्मारक पर एक भव्य राज्य स्तरीय समारोह में पूरे गौरव के साथ मनाई जाएगी। एक ऐतिहासिक पहल के तहत, इस कार्यक्रम में पहली बार वीर नारियों को सम्मानित किया जाएगा – वे साहसी महिलाएँ जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में अपने पतियों को खो दिया था।
स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल मुख्य अतिथि के रूप में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और निकटवर्ती युद्ध संग्रहालय में एक विशेष समारोह में वीर नारियों को सम्मानित करेंगे। युद्ध स्मारक सोसायटी के निमंत्रण पर लेफ्टिनेंट जनरल राजन शरावत को भी इस अवसर पर आमंत्रित किया गया है।
जिला सैनिक कल्याण के उप निदेशक कर्नल गोपाल गुलेरिया ने कहा, “इस वर्ष का विजय दिवस ऐतिहासिक है – वीर नारियों की असीम शक्ति और बलिदान को पहली बार आधिकारिक तौर पर मान्यता दी जा रही है।”
1999 के कारगिल युद्ध में 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जिनमें 52 हिमाचल प्रदेश के थे। अकेले कांगड़ा जिले ने 15 वीर सपूतों को खोया। इनमें पालमपुर के कैप्टन विक्रम बत्रा (पीवीसी) और बिलासपुर के राइफलमैन संजय कुमार (पीवीसी) सबसे सम्मानित हैं।
शनिवार की श्रद्धांजलि शहीदों और उनके परिवारों के प्रति एक चिरस्थायी सलामी है, जो राज्य की गहरी कृतज्ञता की पुष्टि करती है।