ऐतिहासिक डल झील के सौंदर्यीकरण के लिए डल झील विकास समिति का गठन किया जाएगा। यह बात बुधवार को राधा अष्टमी के अवसर पर ‘पावन स्नान’ (पवित्र स्नान) के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कही। उन्होंने कहा कि समिति में स्थानीय लोगों को शामिल किया जाएगा, ताकि इस झील के सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।
इस क्षेत्र में तीर्थयात्रा गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक योजना तैयार की जाएगी, जिसमें डल झील और दुर्वेश्वर मंदिर को शामिल किया जाएगा, ताकि पर्यटकों के आगमन से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ सकें।
पर्यटक आकर्षणों को विकसित करने की योजना ऐतिहासिक डल झील के सौंदर्यीकरण के लिए डल झील विकास समिति का गठन किया जाएगा इस क्षेत्र में तीर्थयात्रा गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक योजना तैयार की जाएगी, जिसमें डल झील और दुर्वेश्वर मंदिर को भी शामिल किया जाएगा डल झील, नड्डी और मैक्लोडगंज में बेहतर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर विशेष जोर दिया जाएगा ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो
उन्होंने कहा कि वन विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को इको-टूरिज्म गतिविधियां शुरू करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि डल झील, नड्डी और मैक्लोडगंज में बेहतर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
पठानिया ने कहा कि बरनेट-घेरा सड़क पर 357 लाख रुपये, नड्डी से गुना माता मंदिर तक सड़क निर्माण पर 185 लाख रुपये तथा नड्डी से सनसेट प्वाइंट तक सड़क निर्माण पर 75 लाख रुपये की अनुमानित राशि खर्च की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मैक्लोडगंज से डलहौजी तक धौलाधार एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
राधा अष्टमी के पावन पर्व पर हजारों लोगों, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं, ने पवित्र स्नान में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष संजीव जसवाल, एसडीएम संजीव भोट, जिला भाषा अधिकारी अमित गुलेरी, तहसीलदार गिरिराज सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।