दिल्ली, 2 जुलाई । संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हिंदू धर्म के बारे में की गई टिप्पणी पर काफी बवाल मचा हुआ है। राहुल गांधी के इस बयान पर पटना साहिब मैनेजिंग कमेटी के अध्यक्ष जगजोत सिंह सोही ने प्रतिक्रिया दी है।
राहुल गांधी के बयान पर पूछे गए सवाल पर जगजोत सिंह ने कहा, “हिंदू धर्म, सिख धर्म और सारे धर्म शांति के प्रतीक हैं। आज तक किसी भी धर्म ने अशांति या हिंसा की बात नहीं की है। हर धर्म ने दूसरे धर्मों की इज्जत की है, सम्मान किया है। मैं राहुल गांधी से आग्रह करूंगा कि उनको अच्छे से तैयारी करके सदन में बोलना चाहिए, क्योंकि अधूरा ज्ञान बहुत खतरनाक होता है।”
वहीं राहुल द्वारा गुरु नानक की तस्वीर और उनके हाथ की मुद्रा पर दिए गए बयान पर भाजपा के पंजाब राज्य सचिव कंवरवीर सिंह टोहरा ने आईएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं तो इस बात से हैरान हूं कि जब-जब गांधी परिवार से कोई संवैधानिक पद पर आता है, तो हमेशा सिखों के खिलाफ ही बात करनी होती है। जब इंदिरा प्रधानमंत्री थीं, तो उन्होंने सिखों को क्या दिया? ऑपरेशन ब्लू स्टार। उसके बाद 31 अक्टूबर की रात को जब राजीव गांधी जी प्रधानमंत्री बनते हैं, तो सुबह ही 1 नवंबर को उन्होंने हमें सिख कत्लेआम दिया। आज पहली बार राहुल गांधी किसी संवैधानिक पद पर आए हैं। वे नेता प्रतिपक्ष हैं। आज उन्होंने भी सदन में पहली बार बोलते हुए सिखों की विचारधारा के खिलाफ बात की।”
उन्होंने आगे कहा, “इससे शर्मनाक क्या हो सकता है कि जब भी गांधी परिवार बोलता है, तो सिखों के खिलाफ ही बोलता है। आज उन्होंने गुरु नानक की तस्वीर उठाकर बोला कि उनका हाथ अभयमुद्रा की बात करता है। ये गलत बात है। गुरु नानक का ये हाथ एको, यानी एक ईश्वर की बात करता है। हम सिखों को तो अभयमुद्रा के बारे में पता ही नहीं है। उनको हमेशा सिखों के खिलाफ ही बात करनी है। राहुल गांधी आज सदन में कहते हैं कि मैं अब दो हूं। एक तो नेता प्रतिपक्ष और दूसरे राहुल गांधी। राहुल गांधी ने कभी ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए माफी नहीं मांगी, सिखों के कत्लेआम के लिए माफी नहीं मांगी। मैं उनसे कहता हूं कि आप राहुल गांधी के तौर पर न सही, लेकिन अब नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सिखों से मांफी मांगो।”
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