पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को गुरुद्वारा छेवीं पातशाही में मत्था टेका और राज्य की प्रगति तथा लोगों की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेका और राज्य में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने यह भी प्रार्थना की कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव, शांति और भाईचारे की भावना हर गुजरते दिन के साथ मजबूत हो और पंजाब हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करे। प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर लोगों को हार्दिक बधाई देते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी एक महान आध्यात्मिक दूत थे जिन्होंने ईश्वर की भक्ति का पंथ फैलाकर मानवता को मोक्ष प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु जी की शाश्वत शिक्षाएं ‘किरत करो, नाम जपो और वंड चको’ आज के भौतिकवादी समाज में भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने कर्मकांडों से मुक्त जातिविहीन समाज की कल्पना की थी, जिससे पीड़ित मानवता को पीड़ा की पीड़ा से मुक्ति मिली। भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने मानवता को नए विचारों, लक्ष्यों और आकांक्षाओं के साथ प्रेरित किया और पाखंड, झूठ, दिखावा और जाति-पूर्वाग्रह की बुराइयों को दूर करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे महान गुरु द्वारा बताए गए सेवा और नम्रता की भावना को अपनाएं और गुरु नानक देव जी की अनमोल विरासत का अनुसरण करके एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्वस्थ समाज बनाने के लिए कड़ी मेहनत करें। उन्होंने लोगों से जाति, रंग, पंथ और धर्म के संकीर्ण विचारों से ऊपर उठकर इस पवित्र अवसर को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाने का आह्वान किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अपनी उदासी के माध्यम से गुरु नानक देव जी, जिन्हें दुनिया भर में जगत गुरु के रूप में सम्मानित किया जाता है, ने सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे का उपदेश दिया।
इसी तरह मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने मुगल बादशाह बाबर के आक्रमण के दौरान अत्याचार, अन्याय और उत्पीड़न का विरोध किया था। उन्होंने गुरबाणी से ‘पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत’ श्लोक का हवाला देते हुए कहा कि गुरु जी ने हवा (पवन) को शिक्षक, पानी (पानी) को पिता और जमीन (धरत) को माता के बराबर बताया है। उन्होंने कहा कि गुरु जी ने उस समय लोगों को पर्यावरण को संरक्षित करने की शिक्षा दी थी, जब प्रदूषण कहीं भी नहीं था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी महिला सशक्तिकरण और समाज में महिलाओं को समान दर्जा देने के भी प्रबल समर्थक थे।