ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती पर गुरुवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक बताया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में सद्गुरु ने भगवान महावीर को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कम उम्र में ही जीवन के गहरे सार को पहचान लिया था।
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने पोस्ट में लिखा, “महावीर – एक राजकुमार जिसने बहुत पहले ही समझ लिया था कि विजय नहीं बल्कि करुणा ही जीवन को समावेशी बनाती है। प्रयास और उत्कृष्टता का एक अवतार जो अपने समय के दो सहस्राब्दियों से भी अधिक समय बाद भी बहुत पूजनीय बना हुआ है।”
जैन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक महावीर जयंती भगवान महावीर के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाती है, जिनका जन्म 599 ईसा पूर्व माना जाता है।
वह अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह और अस्तेय पर अपनी शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं, जो आज भी अनुयायियों का मार्गदर्शन करती हैं।
भगवान महावीर के जीवन ने न केवल जैन समुदाय के भीतर बल्कि समाज के अन्य वर्गों के आध्यात्मिक साधकों के बीच भी लाखों लोगों को प्रेरित किया है। आंतरिक अनुशासन, त्याग और आत्म-साक्षात्कार के माध्यम से मुक्ति की खोज पर उनका जोर जैन दर्शन का केंद्र बना हुआ है।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी महावीर जयंती के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने एक्स पर लिखा, “महावीर जयंती के अवसर पर सभी देशवासियों, विशेषकर जैन समुदाय के लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। अहिंसा और शांति के प्रतीक भगवान महावीर ने मानवता को सत्य और त्याग का मार्ग दिखाया।”
उन्होंने कहा, “आइए, हम सभी उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए पूरे विश्व के कल्याण के लिए काम करने का संकल्प लें।”
अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, “हम सभी भगवान महावीर को नमन करते हैं, जिन्होंने हमेशा अहिंसा, सत्य और करुणा पर जोर दिया। उनके आदर्श दुनिया भर में अनगिनत लोगों को ताकत देते हैं। उनकी शिक्षाओं को जैन समुदाय द्वारा खूबसूरती से संरक्षित किया गया है और लोकप्रिय बनाया गया है। भगवान महावीर से प्रेरित होकर, उन्होंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है और सामाजिक कल्याण में योगदान दिया है।”
बुधवार को पीएम मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में नवकार महामंत्र दिवस में भी हिस्सा लिया और 108 से ज्यादा देशों के लोगों के साथ ‘नवकार महामंत्र’ का जाप किया था।
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