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‘नवकार दिवस’ पर पीएम मोदी से मिले मंत्र पर श्रीपाल लोढ़ा बोले, वह खुद में नालंदा विश्वविद्यालय हैं

On the mantra given by PM Modi on 'Navkar Diwas', Shripal Lodha said, he is Nalanda University in himself

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘नवकार महामंत्र’ का जाप किया। इस दौरान उन्होंने 9 संकल्पों का भी जिक्र किया था, जिसका असर अब दिखाई देने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘नवकार दिवस’ पर मिले मंत्र के बारे में जोधपुर के उमा समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक श्रीपाल लोढ़ा ने आईएएनएस से खास बात की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी खुद में नालंदा विश्वविद्यालय हैं।

उमा समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक श्रीपाल लोढ़ा ने कहा, “प्रधानमंत्री का हमेशा जैन संतों और जैन समुदाय के साथ गहरा संपर्क रहा है। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि उनकी याददाश्त पर संदेह करना या यह सोचना कि उन्हें कुछ याद है या नहीं, मेरे लिए उन पर संदेह करना असंभव है। वह खुद में नालंदा विश्वविद्यालय हैं और उन्होंने दुनिया में शांति लाने के लिए अपना बहुमूल्य समय दिया है, यहां तक कि वे नवकार मंत्र जाप कार्यक्रम में भी शामिल हुए हैं। मुझे लगता है कि मैं उनका धन्यवाद करने के लिए जितने भी शब्दों का उपयोग करूं, वे कम होंगे।”

श्रीपाल लोढ़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बिताए हुए पल को याद करते हुए कहा कि उनसे मिलने के बाद उनमें भी ऊर्जा का संचार हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतने नजदीक से देखना मेरे लिए गौरव की बात है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नवकार महामंत्र दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘नवकार महामंत्र’ विनम्रता, शांति और सार्वभौमिक सद्भाव का प्रतीक है। इस कार्यक्रम में भाग लेकर मुझे खुशी हुई। ’नवकार महामंत्र’ सिर्फ एक मंत्र नहीं है। यह हमारे विश्वास का केंद्र है और इसका महत्व केवल आध्यात्मिक नहीं है। यह हमारे जीवन का मूल स्वर है। यह स्वयं से लेकर समाज तक सबको राह दिखाता है, जन से जग तक की यात्रा है। इस मंत्र का प्रत्येक पद ही नहीं, बल्कि प्रत्येक अक्षर अपने आप में मंत्र है।

उन्होंने कहा था, “जब हम नवकार महामंत्र का जाप करते हैं, तो हम 108 दिव्य गुणों का नमन करते हैं और मानवता के हित को स्मरण करते हैं। यह मंत्र हमें याद दिलाता है कि ध्यान और कर्म ही जीवन की सच्ची दिशा हैं। गुरु ही प्रकाश हैं और वह मार्ग वही है, जो हमारे भीतर से निकलता है।”

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