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कार्तिक पंचुका के तीसरे दिन जगन्नाथ मंदिर में पहुंची श्रद्धालुओं की भीड़, लगाए जयकारे

On the third day of Kartik Panchuka, a large crowd of devotees gathered at the Jagannath Temple and chanted slogans.

ओडिशा में पुरी के जगन्नाथ मंदिर में मंगलवार को कार्तिक पंचुका के तीसरे दिन बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचे। ब्रह्म मुहूर्त से ही भक्त मंदिर पहुंचना शुरू हो गए और दर्शन के लिए मंदिर में भक्तों की लंबी लाइन भी देखी गई।

कार्तिक पंचुका के तीसरे दिन भक्त हर्षोल्लास के साथ मंदिर पहुंचे और भगवान जगन्नाथ के जयकारे भी लगाते दिखे। इस मौके पर मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं ने एक विशेष प्रकार की आवाज भी निकाली, जो बंगाली शादियों में सुनने को मिलती है। इस मौके पर भगवान जगन्नाथ ने अद्भुत शृंगार भी किया, जिसे देखकर भक्त भाव-विभोर दिखे।

सनातन हिंदू धर्म में वैसे तो पूरे कार्तिक महीने का महत्व होता है, क्योंकि ये पूरा महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है। हालांकि देवउठनी एकादशी से लेकर अमावस्या तक यानी पांच दिन तक रोज पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है।

कहा जाता है कि पांच दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से सारे पापों का नाश होता है और वैकुंठ के रास्ते भक्तों के लिए खुल जाते हैं। इन दिनों दान का भी बहुत महत्व होता है। स्नान के साथ-साथ दान-पुण्य और धार्मिक नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

मंगलवार को कार्तिक पंचुका का तीसरा दिन है, दो दिन और मंदिर में भारी भीड़ देखी जाएगी। मंगलवार को देव दिवाली है और ऐसे में मंदिर में भक्त और भगवान दोनों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। मंदिर में दीपदान का शुभ कार्यक्रम भी होगा। माना जाता है कि दीप दान करने से हजारों गुना फल देने वाला पुण्य मिलता है।

कार्तिक पंचुका में मां तुलसी की पूजा करने का भी विधान है। इन पांच दिनों में मां तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है। देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा से जागकर मां तुलसी से विवाह करते हैं, इसलिए कार्तिक पंचुका में भगवान विष्णु के साथ तुलसी का पूजन करना भी जरूरी होता है।

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