तिरुपति मंदिर बोर्ड की तरफ से 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाए जाने के फैसले पर बीजू जनता दल (बीजेडी) के राज्यसभा सांसद मुन्ना खान ने कहा कि अगर गैर हिंदू मंदिर की सेवा में लगे हुए थे, तो उन्हें लगे रहने देना चाहिए था।
बीजेडी से राज्यसभा सांसद मुन्ना खान ने कहा, “इतने दिनों से मंदिर की सेवा में किस तरीके के लोग थे, इसका मुझे भी आइडिया नहीं था, लेकिन जब आज सवाल पूछा जा रहा है तो मुझे इसकी जानकारी हो रही है। लेकिन अगर पहले से ऐसा चला आ रहा था और गैर हिंदू मंदिर की सेवा में लगे हुए थे, तो उन्हें लगे रहने देना चाहिए था। हालांकि अगर तिरुपति मंदिर बोर्ड का कोई ऐसा कानून है कि गैर हिंदू वहां नहीं रह सकते, तो बात अलग है।”
उन्होंने कहा, “बहुत से मजार और दरगाह में देखने को मिलता है कि हिंदू और मुसलमान सभी मिलजुल कर सेवा करते हैं। लेकिन कुछ ऐसी जगह भी है, जहां पर गैर हिंदुओं को प्रवेश नहीं दिया जाता। हिंदुओं का अपना धार्मिक कानून है, जिस पर हमारा टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।’
सभी हिंदुओं को एक रहने और एकता ही सफलता के प्रतीक वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर बीजेडी सांसद ने कहा, “मोहन भागवत आरएसएस के प्रमुख हैं, इसलिए वो हिंदुओं के बारे में ही बोलेंगे। लेकिन हमारा कहना है कि पूरे देश के लोगों को एक साथ रहना चाहिए। सभी धर्म और वर्ग के लोगों को मिलजुल कर रहना चाहिए, ताकि दूसरे देश हमारे भारत पर गलत नजर नहीं डाल सकें।”
उन्होंने कहा, “हमारा देश अनेकता में एकता का देश है। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने हमें जो संविधान दिया है, उसमें सभी धर्मों और वर्गों के लोगों को अधिकार दिया गया है। ऐसे में मोहन भागवत का सिर्फ हिंदुओं के एकजुट करने की बात करना गलत है। उनको सारे भारतवासियों को एक साथ रहने का मैसेज देना चाहिए। मेरा मानना है कि इस देश में सभी धर्म और वर्ग के लोग एक साथ रहते हैं और आगे भी एक साथ रहेंगे।”