N1Live National ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ संविधान और संघीय ढांचे के खिलाफ है: सांसद कनिमोझी
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‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ संविधान और संघीय ढांचे के खिलाफ है: सांसद कनिमोझी

'One Nation, One Election' is against the Constitution and federal structure: MP Kanimozhi

नई दिल्ली, 17 दिसंबर। लोकसभा में मंगलवार को वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया गया। इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पटल पर रखा। जिसका विपक्ष ने विरोध किया है। इस पर डीएमके सांसद कनिमोझी ने प्रतिक्रिया दी है।

डीएमके सांसद कनिमोझी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि डीएमके ने लगातार कहा है कि हम विधेयक का विरोध करते हैं। हम यह स्वीकार नहीं करते कि एक राष्ट्र और एक चुनाव हो सकता है क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है। यह संघीय अधिकारों के खिलाफ है और यह लोगों की इच्छा के खिलाफ है। लोग पांच साल के लिए राज्य सरकार चुनते हैं। मुझे नहीं लगता कि आप लोगों से यह अधिकार छीन सकते हैं और चुनाव आयोग को यह तय करने के लिए दे सकते हैं कि कोई सरकार कितने साल चल सकती है या नहीं।

उन्होंने आगे कहा कि यह पूरी तरह से राज्यों के खिलाफ है, यह संघीय ढांचे के खिलाफ है और यह संविधान के खिलाफ है।

बता दें कि मंगलवार को वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को पटल पर रखा, जिसका विपक्ष ने विरोध किया।

लोकसभा में इस बिल को लेकर सरकार-विपक्ष में गतिरोध बना हुआ है। वन नेशन, वन नेशन को लेकर सदन में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक डिवीजन हुआ। इस बिल के पक्ष में 220 सांसदों ने वोटिंग की तो 149 सांसदों ने इसका विरोध किया। हालांकि, बाद में फिर से मत विभाजन की प्रक्रिया की गई। दोबारा से मतविभाजन में पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े।

वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को लेकर संसद में मचे बवाल के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ”जब कैबिनेट में एक राष्ट्र एक चुनाव बिल आया तो पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजा जाना चाहिए। हंगामे के बीच आईयूएमएल नेता ईटी मोहम्मद बशीर, शिवसेना सदस्य अनिल देसाई ने बिल पर कड़ा ऐतराज जताते हुए मांग की कि इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाए।

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