हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी अवधारणा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह केवल एक नारा नहीं है, बल्कि एक मजबूत और समन्वित लोकतंत्र की दिशा में एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण है।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार इस पहल को सैद्धांतिक रूप से अपना समर्थन देती है तथा इसके प्रभावी कार्यान्वयन से देश को बहुआयामी लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने यह बात सोमवार को न्यू चंडीगढ़ में आयोजित संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान कही।
समिति संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2024 के संबंध में अध्ययन दौरे पर है। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष, सांसद श्री पीपी चौधरी सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए नायब सिंह सैनी ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के कार्यान्वयन से लोकतांत्रिक प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार आएगा।
उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से विकास कार्य बाधित होते हैं, क्योंकि प्रशासनिक मशीनरी चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त रहती है, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ता है।
हरियाणा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले एक साल में तीन बड़े चुनाव हुए हैं: मार्च से जून 2024 तक लोकसभा चुनाव, अगस्त से अक्टूबर तक विधानसभा चुनाव और फरवरी से मार्च 2025 तक नगर निगम चुनाव।
उन्होंने कहा कि इन चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण विकास की गति बाधित हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन चुनाव संबंधी कार्यों में व्यस्त था, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा। इसके अलावा, चुनाव पर होने वाला खर्च भी बहुत अधिक है।
एक राष्ट्र, एक चुनाव समय की मांग है और यह जनभावना को दर्शाता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से न केवल संसाधनों की बचत होगी, बल्कि यह लोगों की भावना को भी दर्शाता है कि समय और धन की बर्बादी से बचने के लिए चुनाव एक साथ होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता की भागीदारी भी बढ़ेगी। इसलिए सभी को एकमत होकर इस पहल का समर्थन करना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि चुनाव की तारीखें तय करते समय, अधिकतम मतदाता भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कृषि मौसम, त्यौहार, शादी के मौसम, छुट्टियों आदि जैसे सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों पर विचार किया जाना चाहिए।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से मतदाताओं का उत्साह कम होता है, जिसका नकारात्मक असर मतदान प्रतिशत पर पड़ता है। अगर हर पांच साल में एक बार चुनाव होते हैं तो इससे मतदाताओं में नया उत्साह पैदा होगा, जिससे लोकतंत्र मजबूत होगा और जनभागीदारी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे मतदाता जागरूकता अभियानों में एकरूपता, प्रशासनिक तैयारियों में बेहतर समन्वय और संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित होगा।
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