N1Live Haryana केवल 4 निजी एफ’बैड वॉटर बॉटलिंग इकाइयों के पास लाइसेंस है, 125 के पास कोई लाइसेंस नहीं है
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केवल 4 निजी एफ’बैड वॉटर बॉटलिंग इकाइयों के पास लाइसेंस है, 125 के पास कोई लाइसेंस नहीं है

Only 4 private F'bad water bottling units have license, 125 have no license

फरीदाबाद, 2 सितंबर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के सूत्रों ने बताया कि शहर में अधिकांश निजी जल बोतलबंद एवं पैकेजिंग संयंत्र अनिवार्य अनुमति के बिना काम कर रहे हैं, तथा केवल चार संयंत्रों के पास ही संबंधित प्राधिकारियों से आवश्यक लाइसेंस है।

बोतलबंद पेयजल की बोतलबंदी के काम में लगी केवल चार इकाइयों ने ही अधिकारियों से स्थापना की सहमति (सीटीई) और संचालन की सहमति (सीटीओ) के रूप में औपचारिक अनुमति प्राप्त की है। लगभग 125 इकाइयां एचएसपीसीबी, नगर निगम या राज्य के भूजल बोर्ड जैसे विभागों से किसी भी लाइसेंस के बिना बोतलबंद पेयजल की आपूर्ति कर रही हैं, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए ट्यूबवेल के माध्यम से पानी खींचने के लिए आधिकारिक मंजूरी की आवश्यकता होती है।

एचएसपीसीबी द्वारा निवासी नरेन्द्र सिरोही द्वारा विभाग में दर्ज कराए गए प्रश्न के उत्तर में जारी की गई सूची में जिन चार संयंत्रों का उल्लेख किया गया है, वे जिले के इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप, बल्लभगढ़, एनआईटी और अनंगपुर गांव में स्थित हैं।

सिरोही ने दावा किया कि बड़ी संख्या में प्लांट और व्यवसाय अनधिकृत तरीके से घरेलू और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए बोतलबंद पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित अधिकारी इस “रैकेट” पर उचित नज़र रखने में विफल रहे हैं। सिरोही ने कहा कि इसमें शहर और आस-पास के इलाकों में नियमित रूप से हज़ारों गैलन पानी की निकासी और बिक्री शामिल है। उन्होंने कहा कि पानी की अवैध निकासी से भूजल को नुकसान हो रहा है, साथ ही आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता की भी जाँच नहीं की जाती है।

गौरतलब है कि हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन और प्रबंधन) प्राधिकरण (एचडब्ल्यूआरए) ने शहर में भूजल के अवैध निष्कर्षण और 2022 में अनधिकृत ट्यूबवेलों से पानी की आपूर्ति को रोकने के लिए उठाए गए उपायों के संबंध में स्थिति रिपोर्ट मांगी थी।

एचडब्ल्यूआरए ने 112 इकाइयों की सूची भी उपलब्ध कराई है, जो कथित रूप से उस समय विभिन्न स्थानों पर कैंपरों, बोतलों अथवा दोनों के रूप में मिनरल वाटर के अवैध निष्कर्षण और आपूर्ति में संलिप्त थीं।

फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (FMDA) ने करीब दो साल पहले अधिकृत स्रोतों से पानी की आपूर्ति को विनियमित करने के लिए क्यूआर कोड और जियो-टैगिंग के माध्यम से पानी के टैंकरों का पंजीकरण शुरू किया था। हालांकि, विभाग ने अभी तक अवैध टैंकरों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा नहीं दिया है। इस काम में 1,500 से अधिक टैंकर लगे हुए हैं, जिससे शहर को 450 एमएलडी की मांग के मुकाबले 325 एमएलडी की आपूर्ति मिल रही है।

एचएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी संदीप सिंह ने कहा कि शिकायत दर्ज होने पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की गई। अधिकारियों द्वारा जांच करने में विफलता

एक निवासी ने दावा किया कि बड़ी संख्या में प्लांट और सप्लायर अनधिकृत तरीके से घरेलू और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए बोतलबंद पानी की आपूर्ति कर रहे हैं, संबंधित अधिकारी इस “रैकेट” पर उचित नज़र रखने में विफल रहे हैं। इसमें शहर और आस-पास के इलाकों में नियमित रूप से हज़ारों गैलन पानी की निकासी और बिक्री शामिल है।

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