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तमिलनाडु के सूखाग्रस्त जिलों के जलाशयों में सिर्फ 55 फीसदी पानी, किसानों को दी गई ये सलाह

Only 55 percent water in the reservoirs of drought affected districts of Tamil Nadu, this advice given to farmers

चेन्नई, 27 अप्रैल । तमिलनाडु के सूखाग्रस्त वेल्लोर, रानीपेट, तिरुपत्तूर और तिरुवन्नामलाई जिलों के अधिकांश जलाशयों में केवल 55 प्रतिशत पानी बचा है। इसलिए किसानों को कम पानी की जरूरत वाली फसलों की ओर रुख करने की सलाह दी गई है।

तमिलनाडु जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, “क्षेत्र के प्रमुख जलाशयों में बचे 55 फीसदी पानी का उपयोग कृषि के लिए नहीं किया जाएगा। इसका उपयोग केवल घरेलू खपत के लिए किया जाएगा।”

मौसम विभाग पहले ही कह चुका है कि आने वाले दिनों में इन जिलों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। फिलहाल इन जिलों में तापमान 38 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच है।

बहुत ज्यादा गर्मी की स्थिति के कारण पलार नदी सूख गई है। यह नदी इस क्षेत्र में पानी के मुख्य स्रोतों में से एक है।

तमिलनाडु कृषि विभाग ने किसानों को मक्का, रागी, मूंगफली, गेहूं, दालें जैसे- मूंग और उड़द की फसलें उगाने की सलाह दी है। इन फसलों को कम पानी की जरूरत होती है।

ये फसलें किसानों को अधिक रिटर्न भी देंगी। तमिलनाडु में किसान परंपरागत रूप से गन्ना, धान और केले की खेती करते हैं, जिनके लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है।

तिरुपत्तूर में गन्ना किसान के. रामास्वामी ने आईएएनएस को बताया, “कृषि विभाग ने क्षेत्र में पानी की ज्यादा कमी होने के कारण पहले ही हमें गन्ना और धान की खेती से मक्का, गेहूं और रागी की खेती करने के लिए कहा है। हालांकि, हमने अभी तक इस पर फैसला नहीं लिया है। विभाग ने हमें नई फसलों पर स्विच करने के फायदों के बारे में जानकारी दी है।”

इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसानों को जल संरक्षण के लिए ड्रिप सिंचाई तकनीक अपनाने की भी सलाह दी गई है।

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