अमृतसर, 5 जून
अकाल तख्त ने एसजीपीसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ऑपरेशन ब्लूस्टार की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्वर्ण मंदिर की पवित्रता को भंग नहीं किया जाना चाहिए। 6 जून को मनाया जाएगा।
18 जुलाई, 2006 को पांच महायाजकों की बैठक का संदर्भ देते हुए अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के निजी सहायक जसपाल सिंह ने एसजीपीसी के सचिव को लिखा है कि स्वर्ण मंदिर की अलंघनीयता को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव पारित किया गया है। तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी जोगिंदर सिंह के हस्ताक्षर को अकाल तख्त के निर्देशानुसार लागू किया जाएगा।
प्रस्ताव में कहा गया है कि इस अवसर पर स्वर्ण मंदिर की परिक्रमा (परिक्रमा पथ) में न तो ‘समर्थक’ और न ही ‘विरोधी’ नारे लगाए जाएं। इसी तरह, मीडियाकर्मियों को किसी भी समूह या पार्टी से संबंधित किसी भी व्यक्ति का साक्षात्कार, बाइट या पूछताछ करने से बचना चाहिए।
सचिव, एसजीपीसी, प्रताप सिंह ने पुष्टि की कि पत्र सचिवालय से प्राप्त हुआ था जिसे कार्यक्रम के दौरान स्वर्ण मंदिर परिसर में शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाने के लिए स्वर्ण मंदिर प्रबंधक को भेज दिया गया था।
इस बीच, दल खालसा के बैनर तले सिख कार्यकर्ताओं ने एक मार्च निकाला, जो बुर्ज अकाली फूला सिंह से शुरू हुआ और स्वर्ण मंदिर पर समाप्त हुआ। इस मौके पर कल अमृतसर बंद का भी आह्वान किया गया।