मलेरकोटला (पंजाब), 31 मई, 2025: आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करने और आपात स्थिति के लिए तैयार रहने के उद्देश्य से, “ऑपरेशन शील्ड” मॉक ड्रिल का दूसरा चरण आज दोपहर 1:00 बजे मलेरकोटला में उपायुक्त कार्यालय परिसर में आयोजित किया गया।
डिप्टी कमिश्नर विरसा एस. टिडके की देखरेख में आयोजित इस अभ्यास में सायरन प्रणाली का उपयोग करके हवाई हमलों, आग और गैस रिसाव जैसी आपातकालीन स्थितियों का अनुकरण किया गया।
इसका उद्देश्य वास्तविक समय की संकट स्थितियों में नागरिक प्रशासन, पुलिस, होमगार्ड, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य विभागों की तत्परता और समन्वय का परीक्षण करना था।
ड्रिल की मुख्य विशेषताएं:
- हवाई हमले और गोलीबारी की स्थिति का अनुकरण करने के लिए सायरन बजाया गया, जिसके बाद समन्वित प्रतिक्रिया अभ्यास किया गया।
- आपातकालीन प्रत्युत्तरकर्ताओं ने प्रदर्शित किया कि प्राथमिक चिकित्सा कैसे प्रदान की जाए, घायलों को कैसे निकाला जाए, आग पर कैसे काबू पाया जाए, तथा घबराहट की स्थिति को कैसे प्रबंधित किया जाए।
- सार्वजनिक सुरक्षा प्रोटोकॉल जैसे कि लाइटें बंद करना, खिड़कियां बंद न करना, जमीन पर लेटना और ठोस संरचनाओं के नीचे आश्रय लेना आदि का पूर्वाभ्यास किया गया।
- अधिकारियों ने सलाह दी कि वास्तविक हवाई हमले के दौरान, निवासियों को वाहनों से बचना चाहिए, छुपना चाहिए, तथा कानों को अंगुलियों से विस्फोटों से बचाना चाहिए।
भागीदारी:
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सुखप्रीत सिंह सिद्धू, एसडीएम गुरमीत कुमार बंसल, डीएसपी सतीश कुमार, सहायक सिविल सर्जन डॉ. साजिला खान, होमगार्ड सिविल डिफेंस प्रभारी साजिद खान सहित वरिष्ठ अधिकारी, स्वास्थ्य, स्थानीय निकाय और विभिन्न प्रशासनिक विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सार्वजनिक सलाह:
एडीसी सुखप्रीत सिंह सिद्धू ने नागरिकों से आग्रह किया:
- किसी भी वास्तविक आपातस्थिति में अभ्यास के दौरान दिए गए सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
- घबराहट में खरीदारी या जमाखोरी से बचें, क्योंकि इसमें कोई वास्तविक खतरा नहीं है।
- अफवाहों को न फैलाएं और न ही उन पर विश्वास करें, विशेषकर सोशल मीडिया के माध्यम से।
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य वास्तविक रूप से आपातकाल का अनुकरण करना था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता और प्रशासन दोनों वास्तविक संकट स्थितियों में प्रभावी और सुरक्षित तरीके से प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार हैं।
अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि लचीलापन बढ़ाने तथा सभी विभागों में समन्वित आपातकालीन प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के अभ्यास समय-समय पर जारी रहेंगे।