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ऑपरेशन सिंदूर: वॉर एक्सपर्ट ने बताया भारत की क्लियर कट जीत, जिसने बदले युद्ध के नियम

Operation Sindoor: War expert describes India's clear cut victory, which changed the rules of war

पहलगाम आतंकी घटना के बाद 7 मई भारत के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ लेकर आई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया कि अब आतंकवादी हमलों पर भारत चुप नहीं बैठेगा। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के महज दो सप्ताह बाद की गई थी।

भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के 9 आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया। इनमें सवाई नाला (मुझफ्फराबाद), सय्यदना बिलाल कैंप (मुझफ्फराबाद), गुलपुर कैंप (कोटली), बरनाला कैंप (भीमबर), अब्बास कैंप (कोटली), सरजल कैंप (सियालकोट), महमूना जोया कैंप (सियालकोट), मरकज़ तैय्यबा (मुरीदके) और मरकज़ सुब्हानअल्लाह (बहावलपुर) आतंकी कैंप शामिल थे।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को इस प्रकार अंजाम दिया गया कि केवल आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाया जाए, जिससे किसी प्रकार के व्यापक युद्ध से बचा जा सके। रणनीतिक स्तर पर यह भारत की सैन्य नीति में एक बड़ा बदलाव था। इसका दायरा सीमित था, लेकिन करारा जवाब था।

प्रसिद्ध ऑस्ट्रियाई सैन्य इतिहासकार टॉम कूपर ने भारतीय वायुसेना की इस रणनीति को ‘क्लियर कट जीत’ करार दिया है। उनके अनुसार, ”पाकिस्तान की बौखलाहट इस बात का प्रमाण है कि भारत की योजना कितनी कारगर थी।”

उन्होंने जिक्र किया कि पाकिस्तान की ‘परमाणु धमकी’ की रणनीति असफल रही, क्योंकि भारत ने डरने की बजाय जवाबी कार्रवाई करते हुए अपनी स्थिति को और मजबूत किया और अंत में पाकिस्तान को भारी नुकसान झेलने के बाद संघर्ष विराम के लिए गिड़गिड़ाना पड़ा।

वहीं, मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में अर्बन वॉरफेयर स्टडीज के प्रमुख जॉन स्पेंसर ने कहा, ”भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से ‘रणनीतिक संयम और दृढ़ता’ का अनूठा उदाहरण पेश किया। भारत ने आतंकवादी हमलों को अब युद्ध की कार्रवाई के तौर पर लेना शुरू कर दिया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वह पाकिस्तान में किसी भी लक्ष्य को सटीकता से निशाना बना सकता है। पाकिस्तान भारतीय रक्षा प्रणाली को भेद नहीं पाया, जबकि भारत ने उसके एयरबेस और ड्रोन हब को तहस-नहस कर दिया। इस अभियान से भारत ने अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता को भी सिद्ध किया, क्योंकि उसने बिना किसी बाहरी मध्यस्थता के पूरी स्थिति को संभाला।”

इसके अलावा, इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन की सदस्य जेनिफर ज़ेंग ने भारत की इस रणनीति और पाकिस्तान की हार का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने न केवल आतंकवादी कैंप को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली और सैन्य ठिकानों को भी काफी हद तक नुकसान पहुंचाया।”

पहलगाम आतंकी घटना का बदला लेने के लिए भारत ने सबसे पहले 7 मई को राफेल विमानों और ब्रह्मोस मिसाइलों की मदद से आतंकी शिविरों पर पहला हमला किया। इसके बाद 8 मई को पाकिस्तान के लाहौर स्थित एचक्यू-16 एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट किया गया। फिर 9 मई को नूर खान और रफीकी जैसे एयरबेस को ध्वस्त कर पाकिस्तान की एयर डिफेंस सिस्टम को कमजोर कर दिया गया।

वहीं, पाकिस्तान की मिसाइल और ड्रोन हमलों की कोशिशों को भारत ने एस-400 जैसे सिस्टम से नाकाम कर दिया।

इसके बाद 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से संघर्ष विराम की अपील की और ‘फेस-सेविंग ऑफ रैंप’ की मांग की। पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने पर भारत ने अपनी शर्तों पर संघर्ष विराम किया, जो 10 मई शाम पांच बजे लागू हुआ।

वॉर एक्सपर्ट्स का मानना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल एक सैन्य अभियान था, बल्कि यह भारत की बदली हुई रणनीतिक सोच का प्रमाण भी है। इस अभियान ने यह संदेश दिया कि भारत अब सीमापार आतंकवाद को नहीं सहेगा। भारत ने बिना किसी बड़े युद्ध के, सीमित और सटीक सैन्य बल प्रयोग करते हुए आतंकवादी नेटवर्क को तहस-नहस कर दिया, पाकिस्तान की रणनीतिक क्षमता को नुकसान पहुंचाया और फिर भी आम नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। टॉम कूपर, जॉन स्पेंसर और जेनिफर ज़ेंग जैसे अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने इस अभियान को भारत की ‘रणनीतिक परिपक्वता और सैन्य श्रेष्ठता’ का उदाहरण बताया है।

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