शिमला, 27 अगस्त । हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार से शुरु हो गया है। मानसून सत्र की कार्यवाही के पहले दिन विपक्ष ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सदन से वॉकआउट कर दिया।
जानकारी के अनुसार, विपक्ष ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यस्था को लेकर नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की थी। लेकिन, विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा के लिए मंजूरी नहीं दी। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पहले दिन नियम 67 के तहत चर्चा की मांग थी। एक दिन पहले बद्दी में जो घटना हुई, उससे सभी वाकिफ हैं। 14-15 लोगों ने तीन लड़कों की बेरहमी से पिटाई की। इनमें से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो युवकों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। प्रदेश में घटित हुई ये कोई इकलौती घटना नहीं है, बल्कि इससे पहले भी ऐसे ही कई मामले सामने आए।”
जयराम ठाकुर ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “आप देख सकते हैं कि पिछले पौने दो साल के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। बिलासपुर में कोर्ट के बाहर गोलियों चलती हैं। पंजाब से कुछ गुंडे यहां किराए पर लाए गए और इस गोलीकांड के पीछे पूर्व विधायक के बेटे का नाम सामने आया। जिस तरह से अनेकों घटनाएं हिमाचल में सामने आई हैं, उसके बाद कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठना लाजिमी हैं।”
उन्होंने कहा, “हिमाचल प्रदेश में अब कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। यहां की सरकार ने पुलिस को किसी और काम में लगा रखा है। भाजपा के विधायकों को प्रताड़ित करना और उनके फोन की रिकॉर्डिंग करना, सरकार ने पुलिस को इसी काम में लगाकर रखा है।”
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र दो सप्ताह तक चलेगा।
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