झारखंड में मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा के पेपर लीक की घटना को लेकर मंगलवार को विधानसभा में सदन के अंदर और बाहर जोरदार हंगामा हुआ। भारतीय जनता पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के विधायकों ने पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग की। सदन की कार्यवाही शुरू होने के ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के विधायक वेल में पहुंच गए और पेपर लीक की जांच की मांग को लेकर जोरदार हंगामा करने लगे।
विपक्ष के विधायकों ने कहा कि पेपर लीक कराने वाले माफिया को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। सरकार इसकी जांच सीआईडी और एसआईटी से कराना चाहती है, लेकिन इस सरकार में ऐसी एजेंसियां विश्वसनीयता खो चुकी हैं। राज्य में कोई भी परीक्षा पेपर लीक के बगैर नहीं हो रही है। युवाओं और छात्रों का भविष्य गर्त में जा रहा है।
स्पीकर ने हंगामा कर रहे विधायकों को समझाया और सदन की कार्यवाही के संचालन में सहयोग का आग्रह किया। इसके बाद विपक्ष के विधायक अपनी सीटों पर लौटे। इसके पहले विधानसभा के मुख्य द्वार पर भाजपा और आजसू के विधायकों ने पेपर लीक की घटनाओं के खिलाफ तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने नैतिक आधार पर शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक बाबूलाल मरांडी ने कहा कि छात्रों और युवाओं का भविष्य इस सरकार ने चौपट कर दिया है। प्रतियोगी परीक्षाओं के बाद अब दसवीं की बोर्ड के पेपर भी लीक हो रहे हैं। यह बेहद शर्मनाक स्थिति है। बरकट्ठा के विधायक अमित यादव ने कहा कि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए इस सरकार को शर्म नहीं आ रही है।
हटिया के भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि सरकार की एजेंसियों पर हमें विश्वास नहीं है। ऐसे में इसकी जांच सीबीआई से कराई जाए। हजारीबाग के भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि आखिर सीबीआई जांच की अनुशंसा से सरकार क्यों कतरा रही है? प्रदर्शन करने वाले विधायकों में राज सिन्हा, आजसू विधायक निर्मल महतो, मनोज यादव, उज्जवल दास, नीरा यादव, प्रकाश राम सहित अन्य शामिल रहे।