शिमला, 28 जुलाई विपक्ष ने कल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर हिमाचल प्रदेश के हितों की कीमत पर दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने का आरोप लगाया।
विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली में होने के बावजूद मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए। ठाकुर ने कहा, “जब राज्य के हितों की रक्षा की बात आती है, तो राजनीति को अलग रखना चाहिए।” उन्होंने कहा कि चूंकि भारत के सभी राजनीतिक दलों ने नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने का फैसला किया है, इसलिए मुख्यमंत्री भी राज्य के हितों की कीमत पर बैठक में शामिल नहीं हुए।
उन्होंने कहा, “यह वह अवसर था जब मुख्यमंत्री हिमाचल के लिए अधिक धनराशि की मांग को प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के समक्ष प्रभावी ढंग से उठा सकते थे।” उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे राज्य के लिए केंद्र के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना और हर संभव मदद प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए धन मांगना चाहिए था, जिनकी पिछले मानसून के बाद से अभी तक मरम्मत नहीं हुई है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति हिमाचल के हितों से समझौता करने के समान है। उन्होंने कहा, “बैठक में उनका न आना दुखद है और राज्य के लोगों के साथ अन्याय है।”