नई दिल्ली, 13 दिसंबर। केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से जुड़े विधेयक के प्रारूप को मंजूरी मिलने के बाद राजनीतिक बयानबाजियों का दौर जारी है। सत्ता पक्ष के लोग इस विधेयक के पक्ष में नजर आ रहे हैं तो वहीं, विपक्ष के नेता इस पर सवाल उठा रहे हैं। इसी बीच, भाजपा नेता नलिन कोहली ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव पर विपक्ष के नेताओं द्वारा की जा रही आलोचना पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
भाजपा नेता नलिन कोहली ने आईएएनएस से बातचीत की। कहा, ” यह अजीब है कि विपक्ष के वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर गैर-संवैधानिक और तानाशाही जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि हमारे देश में 1950 से लेकर कई वर्षों तक एक साथ केंद्र और राज्यों के चुनाव होते थे। इस दौरान क्या देश तानाशाही से चल रहा था? उन्होंने सवाल किया कि क्या उस समय जो हो रहा था, वह देश में गैर-संवैधानिक था?”
नलिन कोहली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक महत्वपूर्ण विषय उठाया है और इस पर व्यापक चर्चा हो रही है।
उन्होंने बताया कि देश में लगातार चुनाव हो रहे हैं, चाहे वह केंद्र के चुनाव हों, राज्य के चुनाव हों या फिर स्थानीय निकाय चुनाव। हर समय कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर बोझ बढ़ता है। इस संदर्भ में एक साथ चुनाव कराने के विचार को लेकर सरकार ने एक मुहिम शुरू की है और इसके लिए एक कानून बनाने की बात की जा रही है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से संसदीय प्रक्रिया के तहत ही होगी और यदि संविधान में कोई बदलाव करना है तो वह भी संवैधानिक प्रक्रिया के तहत होगा। किसी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन यह नहीं हो सकता कि विपक्ष केवल राजनीति के तहत इस मुद्दे पर चर्चा को रोकने के लिए कठोर शब्दों का इस्तेमाल करें और संसद में कानून पर बहस न हो।
उन्होंने कहा, ” विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। विपक्ष के नेता मुख्य विषय पर बात नहीं कर रहे हैं और केवल राजनीति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष की आलोचना केवल एक राजनीतिक स्टंट है, ताकि बहस को आगे न बढ़ने दिया जाए।”
इस बीच, झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी एक देश, एक चुनाव के प्रस्ताव का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह देश की राजनीतिक और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करने का एक सही कदम हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष को नसीहत दी कि वह इसे देश के विकास के नजरिए से देखें।
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