लखनऊ, 3 मार्च । उत्तर प्रदेश भाजपा के शिक्षक प्रकोष्ठ की बैठक रविवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय पर संपन्न हुई। भाजपा के महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने कहा कि विपक्ष जाति और धर्म की राजनीति कर समाज में भेद पैदा करने की लगातार कोशिश कर रहा है। ऐसे में शिक्षक प्रकोष्ठ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि शिक्षक प्रकोष्ठ शिक्षकों की समस्याओं को हल कराने और सरकार द्वारा शिक्षकों, शिक्षा क्षेत्र और शिक्षार्थियों के हित में किए गए कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि संगठन की संरचना को कॉलेज प्रमुख तक चुस्त-दुरुस्त बनाकर आगामी बैठकों और सम्मेलनों की तैयारी करें। साथ ही उन्होंने ग्रीष्मावकाश में जिला स्तर पर योजनापूर्वक शिक्षक सम्मेलन आयोजित करने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन की संरचना में शिक्षक प्रकोष्ठ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि समाज को दिशा देने वाला शिक्षक वर्ग बड़ी संख्या में भाजपा के साथ जुड़ रहा है।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में विपक्ष जाति और धर्म की राजनीति कर समाज में भेद पैदा करने की लगातार कोशिशें कर रहा है। ऐसे में शिक्षक प्रकोष्ठ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि समाज और राष्ट्र को एकजुट रखने में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है।
शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक और विधान परिषद् सदस्य श्रीचन्द्र शर्मा ने आगामी कार्यक्रमों और शिक्षक प्रकोष्ठ द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बैठक में विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने बताया कि शिक्षक प्रकोष्ठ शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, तदर्थ शिक्षकों, विषय-विशेषज्ञों और वित्तविहीन शिक्षकों के विषय पर माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य कर रहा है।
उन्होंने सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि संगठन के आग्रह पर केन्द्र सरकार ने सीबीएसई स्कूलों की मान्यता हेतु एनओसी के नियमों को सरल किया है और उन्हें अपनी शाखा खोलने के लिए अनुमति भी दी है। प्रदेश सरकार से भी मांग की है कि उत्तर प्रदेश बोर्ड से मान्यता प्राप्त कोई विद्यालय यदि सीबीएसई से जुड़ना चाहता है तो उन्हें अनापत्ति दिया जाना सरल करें।
साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया कि उन्होंने शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए अन्तरजनपदीय स्थानान्तरण की सुविधा दी और शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, रसोइयों जैसे संविदा कर्मियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ देते हुए पांच लाख रुपये सालाना का इलाज मुफ्त कराने की सुविधा प्रदान की। उनका मानदेय बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है।
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