मौसम विभाग ने कहा कि सोमवार और मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, राज्य के विभिन्न हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रहने के कारण सोमवार को एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 310 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दी गईं।
शिमला शहर के उपनगरीय क्षेत्र पंथाघाटी में रविवार रात भूस्खलन के कारण मेहली-शोगी बाईपास पर यातायात बाधित हो गया, जिससे सड़क पर मलबा जमा हो गया और पत्थरों से आसपास की कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचा।
मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को राज्य के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की ‘नारंगी’ चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग ने बताया कि रविवार शाम से कसौली में 82 मिमी बारिश हुई है, जबकि नैना देवी में 62.6 मिमी, जोगिंदरनगर में 60 मिमी, ब्राह्मणी में 49.2 मिमी, मनाली में 45 मिमी, गुलेर में 29 मिमी, पंडोह में 27 मिमी, करसोग में 26.2 मिमी, सराहन में 25.5 मिमी और शिमला में 28 मिमी बारिश हुई है।
सोमवार सुबह तक एनएच 305 (ऑट से सैंज) सहित कुल 310 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि इनमें से ज़्यादातर, यानी 171 सड़कें, आपदा प्रभावित मंडी ज़िले में हैं, जबकि 68 कुल्लू ज़िले में हैं।
एसईओसी ने बताया कि इसके अतिरिक्त, राज्य भर में 113 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर और 236 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य को अब तक कुल 1,714 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
एसईओसी के अनुसार, राज्य में अब तक आई 53 बाढ़ों, 28 बादल फटने और 47 बड़े भूस्खलनों में 1,649 घर पूर्णतः या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बारिश से संबंधित मौतों की संख्या 103 हो गई है और 36 लोग अभी भी लापता हैं। इनमें 20 डूबने से, 19 गिरने से, 17 बादल फटने से, आठ अचानक बाढ़ से और छह भूस्खलन से हुई मौतें शामिल हैं।
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