लखनऊ, 4 जून । उत्तर प्रदेश के नए कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने पदभार संभालने के बाद सोमवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी प्राथमिकताएं बताते हुए संगठित अपराध पर लगाम लगाने का वादा किया।
राजीव कृष्ण ने कहा कि तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा। तकनीक और एआई इन प्राथमिकताओं के लिए गेम चेंजर होंगे। उन्होंने संगठित अपराध और अपराधियों पर रोक लगाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि इस पर उन्होंने पहले भी काम किया है। अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग रुख जारी रहेगा, संगठित अपराध के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह नीति कानून प्रवर्तन रणनीति की आधारशिला होगी, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है।
डीजीपी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम और समाधान पर विशेष जोर दिया जाएगा। उनकी पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा तथा संरक्षा की भावना को बढ़ाने की होगी। जन शिकायत निवारण और जन शिकायतों का सफल समाधान उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस हर स्तर पर सभी शिकायतों से निपटने में बहुत सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि नागरिकों की आवाज सुनी जाए और उसका तुरंत समाधान किया जाए। व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति बिल्कुल भी सहनशीलता नहीं बरती जाएगी। हम हर कीमत पर कानून के शासन को कायम रखेंगे।
राजीव कृष्ण ने कहा कि हाल के वर्षों में साइबर अपराध नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरे के रूप में उभरा है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इसकी रोकथाम और पता लगाने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करके जवाब दिया है। साइबर खतरों से आगे रहने के लिए उन्नत तकनीकों का लाभ उठाते हुए इसे समय के साथ और मजबूत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दी जाने वाली पुलिस सेवाओं के दायरे और वितरण में और सुधार किया जाएगा। हम पुलिस कल्याण को प्राथमिकता देंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारे कर्मी अपने कार्यों को संपादित करने में मोटिवेट रहें। पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के कौशल और ज्ञान की पहचान की जाएगी तथा उसे और बेहतर बनाने के लिए उनका उपयोग किया जाएगा।
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