हिमाचल प्रदेश, बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं, और उनका भविष्य उज्जवल बनाए जाने के लिए सही तरीके से काम करना जरूरी होता है। इसी कड़ी में अब केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से वासलय योजना के तहत अब तक अनाथ बच्चों को 2500 रुपये मिलते थे, अब हर माह मिशन वासलय के तहत, 4000 रुपए प्रदान किए जाएंगे।
जिला कांगड़ा में 175 के करीब अनाथ बच्चे हैं, जोकि अपने रिश्तेदारों के पास रहते हैं, जिन्हें यह सुविधा प्रदान की जाएगी। जबकि कुछेक बच्चों को हॉस्टल में रखने की भी उचित व्यवस्था की गई है। इसके अलावा कोविड-19 में अपने माता-पिता दोनों को ही खोने वाले बच्चों के भविष्य सुरक्षित बनाए जाने के लिए भी, केंद्र व प्रदेश सरकार, महिला एवं बाल विकास विभाग व चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सहयोग से, काम कर रही है। इसमें 10 लाख की एफडी एक समय में ही बच्चों के नाम की जा रही है।
इसके अलावा प्रति वर्ष बच्चों को पढ़ाई के लिए 20 हजार की स्कॉलरशिप अतिरिक्त प्रदान की जा रही है। वहीं अब वासलय योजना के तहत, कोविड-19 वाले बच्चों को 4000 के बजाय छह हज़ार प्रतिमाह अन्य खर्च व रहन-सहन के लिए प्रदान किया जाएगा। जिला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी कांगड़ा के चेयरमैन सचिन शर्मा ने धर्मशाला में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि, बच्चों को सुरक्षित व उनका भविष्य उज्जवल बनाए जाने के लिए, केंद्र व प्रदेश सरकार मिलकर बेहतरीन कार्य कर रही है।
उन्होंने बताया कि, बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का शोषण, साइबर क्राइम या उत्पीड़न होने पर, 1.0.9.8 पर कॉल करके, उसकी मदद करने के लिए टीमें मौजूद रहेंगी। वहीं उन्होंने कहा कि बच्चों को साइबर क्राइम और अन्य गतिविधियों के बारे में जागरूक करने के लिए, अब पुलिस विभाग के साथ मिलकर स्कूल स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। जिससे बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके, और उनका भविष्य उज्जवल बनाया जा सके।
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