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श्रीलंकाई नौसेना की गिरफ्त में हमारे मछुआरे, उन्हें रिहा कराए सरकार : कनिमोझी करुणानिधि

Our fishermen in the custody of Sri Lankan Navy, government should get them released: Kanimozhi Karunanidhi

श्रीलंकाई नौसेना की गिरफ्त में तमिलनाडु के 33 मछुआरे हैं। इनकी रिहाई की मांग को लेकर शुक्रवार को डीएमके सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने कहा, “श्रीलंकाई नौसेना तमिलनाडु के मछुआरों को गिरफ्तार कर रही है और उन्हें परेशान कर रही है, अब तक करीब 97 मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है। हमारे मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। जब भी वे दिल्ली आते हैं, तो वे इस समस्या का समाधान खोजने पर जोर देते हैं। श्रीलंकाई अधिकारियों ने हमारे मछुआरों की करीब 210 नावें जब्त कर ली हैं, जिससे उनकी आजीविका पर गंभीर असर पड़ रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “मछुआरे अपनी नावों के बिना क्या कर सकते हैं? उनका रोजगार प्रभावित हो रहा है। यह तमिलनाडु में एक बड़ा मुद्दा बन रहा है, खासकर मछुआरों के लिए क्योंकि उनकी पूरी आजीविका, परिवार और सब कुछ प्रभावित हो रहा है। हमारी मांग है कि गिरफ्तार किए गए मछुआरों को रिहा किया जाए। केंद्र सरकार को उन्हें रिहा कराने के लिए दबाव बनाना होगा। मछुआरों के साथ न्याय होना चाहिए। श्रीलंकाई नौसेना द्वारा जिन नावों को पकड़ा गया है, हम चाहते हैं कि उन्हें छोड़ा जाए। हमारे सीएम इस समस्या के स्थायी समाधान पर जोर देते हैं। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार श्रीलंका सरकार से बात करे और इसका स्थायी समाधान निकालें।”

बता दें कि 26 जनवरी को श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के 33 मछुआरों को ‘अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा’ (आईएमबीएल) पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तीन नावें भी जब्त की गई थीं। गिरफ्तार किए गए मछुआरे रामेश्वरम के रहने वाले थे। तमिलनाडु तटीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये गिरफ्तारियां रविवार (26 जनवरी) की सुबह हुईं। मछुआरों को आईएमबीएल का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस घटना ने क्षेत्र में मछुआरों की सुरक्षा और आजीविका को लेकर चिंताएं फिर से जगा दी हैं।

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