प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमने एससी/एसटी एक्ट को मजबूत बनाया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मॉडल संतुष्टिकरण पर भरोसा करता है।
पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि हमारे गवर्नेंस का आधार ‘सबका साथ, सबका विकास’ है। हमने एससी/एसटी एक्ट को मजबूत बनाया। जातिवाद का जहर फैलाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन, 3-3 दशक तक दोनों सदन के ओबीसी सांसद ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग करते थे, लेकिन इसे नहीं माना गया। उस समय उनकी राजनीति को यह सूट नहीं करता था। हमने ओबीसी समाज की इस मांग को पूरा किया।
उन्होंने कहा कि देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया है तो समस्या का समाधान करने का प्रयास नहीं किया गया। तनाव और दुश्मनी पैदा करने के तरीके अपनाए गए। लेकिन, हमारी सरकार ने पहली बार ऐसा मॉडल दिया, जिसमें समाधान ढूंढा गया। हमने सामान्य वर्ग के गरीब को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। बिना किसी तनाव और बिना किसी से छीने दिया। जब हमने ऐसा किया तो एससी/एसटी और ओबीसी समुदाय ने इसका स्वागत किया और किसी के भी पेट में दर्द नहीं हुआ।
राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया, तो समस्या के समाधान के लिए सत्य को स्वीकार करने का काम नहीं हुआ। देश में विभाजन कैसे हो, तनाव कैसे पैदा हो, वही तरीके अपनाए गए। पहली बार हमारी सरकार ने एक ऐसा मॉडल दिया और ‘सबके साथ, सबके विकास’ के मंत्र के साथ दिया।
देश की महिलाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान को कोई नकार नहीं सकता। लेकिन, अगर उनको अवसर मिले और वो नीति-निर्धारण का हिस्सा बनें तो देश की प्रगति में और गति आ सकती है। इस बात को ध्यान रखते हुए हमने इस नए सदन के पहले निर्णय के रूप में ‘नारी शक्ति अधिनियम’ पारित कराया।
कांग्रेस की राजनीति पर सवाल उठाते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस की राजनीति का मंत्र हमेशा दूसरे के रूढ़िवादिता पर कायम रहा, जिसके कारण वह अस्थिर हो गए। कोई भी राजनीतिक दल की सरकार कहीं बनी तो उसे अस्थिर कर दिया। वह (कांग्रेस) जो ये छोड़कर अपने आम चुनाव के बाद उनके साथ थे, वह भी भाग रहे हैं।
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