टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) के 12 से अधिक छात्रों पर दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि कुछ छात्रों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है, जबकि कई छात्रों के लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं।
यह घटना रविवार शाम की है, जब टीआईएसएस के कुछ छात्रों ने कैंपस परिसर में इकट्ठा होकर मोमबत्तियां जलाईं और साईबाबा के पोस्टर लगाए। बताया जा रहा है कि यह आयोजन उनकी ‘मृत्यु वर्षगांठ’ की स्मृति में किया गया था।
घटना के बाद ट्रोम्बे पुलिस स्टेशन ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ कैंपस में बिना अनुमति सभा आयोजित की, बल्कि इस दौरान कुछ छात्रों ने उमर खालिद और शरजील इमाम के समर्थन में नारे भी लगाए।
दोनों 2020 दिल्ली हिंसा की साजिश के मामले में पिछले पांच वर्षों से जेल में बंद हैं। पलिस सूत्रों ने बताया कि जिन छात्रों के नाम सामने आए हैं, उनमें कुछ वर्तमान छात्र हैं, जबकि कुछ पूर्व छात्र भी शामिल हो सकते हैं।
पुलिस ने इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद मोबाइल और कैमरा फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया है। जांच टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि कार्यक्रम की योजना किसने बनाई थी और क्या इसका किसी बड़े संगठन से कोई संबंध है।
उधर, सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बता रहे हैं, जबकि कई लोग इसे कानून व्यवस्था का उल्लंघन कह रहे हैं। फिलहाल, ट्रोम्बे पुलिस की टीम जांच में जुटी है और कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और छात्रों से पूछताछ की जा सकती है।
यह मामला अब मुंबई के शैक्षणिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का प्रमुख विषय बन गया है।
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