September 1, 2025
Himachal

जम्मू, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में 5,000 से अधिक नागरिकों को बचाया गया: सेना की पश्चिमी कमान

Over 5,000 civilians rescued in Jammu, Punjab and Himachal Pradesh: Army’s Western Command

सेना ने सोमवार को बताया कि बाढ़ से प्रभावित जम्मू, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में 5,000 से अधिक नागरिकों को बचाया गया और 21 टन राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई। भारतीय सेना की पश्चिमी कमान बाढ़ प्रभावित राज्यों में व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियान चला रही है।

एक अधिकारी ने बताया कि तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सेना के विमानन और भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों सहित कुल 47 टुकड़ियों को सक्रिय किया गया, साथ ही इंजीनियरों, चिकित्सा और संचार संसाधनों को भी तैनात किया गया।

यह जानकारी पंचकूला के चंडीमंदिर स्थित पश्चिमी कमान मुख्यालय में मेजर जनरल पुनीत आहूजा और कर्नल इकबाल सिंह अरोड़ा द्वारा संबोधित एक संवाददाता सम्मेलन में दी गई। कर्नल अरोड़ा ने कहा, “सैनिकों, इंजीनियरों, चिकित्सा टुकड़ियों, विमानन परिसंपत्तियों को जीवन की रक्षा और आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए अल्प सूचना पर जुटाया गया।”

उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत दल राहत अभियान चलाने के लिए पूरी तरह तैयार, प्रशिक्षित और सुसज्जित हैं। उन्होंने कहा, “भारतीय सेना विमानन और भारतीय वायुसेना के सहयोग से फंसे हुए नागरिकों को समय पर निकालना और महत्वपूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित की गई।”

उन्होंने कहा कि भाखड़ा नांगल बांध, रणजीत सागर बांध और अन्य सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं सहित प्रमुख बांधों पर जल स्तर की निगरानी के लिए प्रत्येक मुख्यालय पर चौबीसों घंटे बाढ़ नियंत्रण निगरानी प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह अभियान नागरिक प्राधिकारियों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ निकट समन्वय में चलाया जा रहा है। अधिकारी ने कहा, “एकीकृत दृष्टिकोण से संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित हुआ और प्रभावित लोगों को समय पर सहायता मिली, जो संकट के दौरान राष्ट्र की दृढ़ता और एकता को दर्शाता है।”

उन्होंने कहा, “कुल 47 टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं, जिनमें मुख्य बचाव दलों के अलावा इंजीनियर, चिकित्सा टुकड़ियाँ और संचार दल के कर्मी भी शामिल हैं।” उन्होंने बताया कि उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, टोही और निगरानी हेलीकॉप्टर, एमआई-17 और एक चिनूक सहित 20 विमान चौबीसों घंटे मिशन में लगे हुए हैं।

उन्होंने कहा, “5,000 से अधिक नागरिकों और 300 अर्धसैनिक बलों के जवानों को जलमग्न क्षेत्रों से बचाया गया है।” अधिकारी ने बताया कि खाद्य पैकेट, दवाइयां और आवश्यक वस्तुओं सहित लगभग 21 टन राहत सामग्री जमीन पर और हवाई मार्ग से कट गए स्थानों पर पहुंचाई गई है।

कर्नल अरोड़ा ने कहा कि संचार टीमों ने 27 अगस्त को 2 किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई, जिससे मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल हो गई और राहत कार्यों का सुचारू समन्वय संभव हो सका।

उन्होंने कहा कि सेना के इंजीनियरों ने 29 अगस्त को जम्मू तवी में 12 घंटे के भीतर एक बेली ब्रिज का निर्माण कर शहर की महत्वपूर्ण जीवनरेखा को बहाल कर दिया। पंजाब में भारी बाढ़ आई है, जो हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियों तथा मौसमी नालों में आई उफान के कारण आई है।

बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित गांव गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों में हैं। जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और बाढ़ ने मौत और विनाश का तांडव मचा दिया है।

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