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पीएसीएल मनी लॉन्ड्रिंग मामला: ईडी ने गुरुग्राम में छापेमारी की

PACL money laundering case: ED conducts raids in Gurugram

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय ने पीएसीएल इंडिया लिमिटेड की धोखाधड़ी गतिविधियों की चल रही जांच के सिलसिले में गुरुग्राम में तीन स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है। एजेंसी के अनुसार, यह तलाशी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई।

वास्तव में, पूरी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और गंभीर धोखाधड़ी जांच ब्यूरो (बीएसएफसी), नई दिल्ली द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की धारा 120-बी (षड्यंत्र) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर शुरू की गई थी।

दरअसल, यह मामला पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, पीजीएफ लिमिटेड, निर्मल सिंह भंगू और कई अन्य लोगों से जुड़ा है, जिन पर धोखाधड़ी वाली निवेश योजनाएं चलाने का आरोप है। इन आरोपियों द्वारा चलाई गई इन योजनाओं ने हजारों निवेशकों को धोखा दिया।

ईडी अधिकारियों के अनुसार, पीएसीएल और उसके निदेशकों ने इन भ्रामक निवेश योजनाओं के जरिए निवेशकों से लगभग 48,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।

23 मार्च को तलाशी अभियान दो व्यक्तियों, बरिंदर कौर और मनोज कुमार के परिसरों पर केंद्रित था, जिनके बारे में माना जाता है कि वे दिवंगत निर्मल सिंह भंगू के दामाद हरसतिंदर पाल सिंह के करीबी सहयोगी हैं।

ईडी ने इसी मामले के सिलसिले में 21 मार्च 2025 को हरसतिंदर पाल सिंह को गिरफ्तार किया था। बाद में विशेष अदालत ने उसे एजेंसी की हिरासत में भेज दिया था।

ईडी के अधिकारियों द्वारा की गई तलाशी के दौरान, पीएसीएल और उसके निदेशकों तथा उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े डिजिटल दस्तावेज और संपत्ति के रिकॉर्ड सहित महत्वपूर्ण साक्ष्य जब्त किए गए। इन दस्तावेजों से बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी की चल रही जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

ईडी ने कहा है कि आगे की जांच जारी है, तथा पीएसीएल और उसके नेटवर्क से जुड़ी धोखाधड़ी गतिविधियों की गहराई की जांच जारी रहने के कारण और अधिक कार्रवाई की उम्मीद है। अधिकारी आरोपियों से जुड़े अवैध धन और संपत्तियों का पता लगाने के लिए जब्त सामग्री की बारीकी से जांच कर रहे हैं।

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