भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो (एसीबी), करनाल पुलिस स्टेशन ने 2022-23 में हुए कथित 2.56 करोड़ रुपये के धान खरीद घोटाले के संबंध में घरौंदा बाजार समिति के तत्कालीन सचिव सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सरकार के निर्देश पर एसीबी द्वारा की गई जांच के बाद यह मामला दर्ज किया गया है।
जांच में पता चला कि घरौंदा मंडी से मिलों तक धान की कस्टम पिसाई (सीएमआर) के लिए फर्जी वाहन प्रविष्टियों का इस्तेमाल करके धान के परिवहन को दिखाया गया था। ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर रिकॉर्ड और वाहन पंजीकरण विवरणों के सत्यापन से पता चला कि बाइक जैसे कई दोपहिया वाहन और ऑल्टो कार सहित छोटे वाहन परिवहन वाहन के रूप में दिखाए गए थे। एफआईआर में कहा गया है कि धान को मिलों तक ले जाने को फर्जी तरीके से दर्शाने वाले आउट-गेट पास जेनरेट किए गए थे।
आरोपियों की पहचान नरेश मान, जो उस समय बाजार समिति के सचिव थे; संदीप कुमार, जो उस समय खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के निरीक्षक थे; सुखदेव एंड कंपनी के मालिक; रिद्धि-सिद्धि ओवरसीज के मालिक; गिरिराज ओवरसीज राइस मिल के मालिक; नंद लाल ओवरसीज राइस मिल के मालिक; और घरौंदा स्थित लक्ष्मी राइस मिल के मालिक के रूप में हुई है।
इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने कहा, “हमने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।” एफआईआर में कहा गया है कि जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, सीएमआर के लिए माल की डिलीवरी इन्हीं वाहनों के माध्यम से दिखाई गई थी। असंध मंडी में ‘फर्जी’ प्रवेश पासों की जांच
धान के परिवहन में बड़े पैमाने पर हेराफेरी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि असंध अनाज मंडी में जारी किए गए फर्जी गेट पास के माध्यम से करोड़ों रुपये के अनाज को उठाया हुआ दिखाया गया था। डीसी उत्तम सिंह ने एडीसी को 39.24 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं की जांच करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में खिराजपुर गांव के विकास शर्मा ने डीसी और एसपी गंगा राम पुनिया को 73 पन्नों की शिकायत सौंपी थी।


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