कांगड़ा और चंबा जिलों में दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण जल शक्ति विभाग (जेएसडी) को करोड़ों का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, 52 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुईं, जिनमें कांगड़ा में 6.5 करोड़ रुपये और चंबा में 4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
जेएसडी उत्तरी क्षेत्र के मुख्य अभियंता दीपक गर्ग ने बताया कि एक योजना को छोड़कर बाकी सभी को बहाल कर दिया गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र कांगड़ा के मुल्तान और लोयाले हैं, जहां उहल नदी ने एक पंप हाउस को बहा दिया। चंबा के भरमौर और तिस्सा में भी काफी नुकसान की खबर है। हालांकि नूरपुर और देहरा उपखंडों में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
हालांकि बारिश ने विनाश किया है, लेकिन जल स्रोतों को फिर से भर दिया है, जिससे लंबे समय तक सूखे के बाद निर्वहन स्तर में 25% की वृद्धि हुई है।
धर्मशाला में भारी बारिश के कारण गमरू-मैकलोडगंज मार्ग पर मीठा नाला के पास भूस्खलन हुआ, जिससे सीवेज सिस्टम क्षतिग्रस्त हो गया और 25 लाख रुपये का नुकसान हुआ। जेएसडी धर्मशाला के एक्सईएन विमल कटोच ने पुष्टि की कि कई योजना कक्ष प्रभावित हुए हैं।
सबसे ज़्यादा नुकसान मुल्तान-बरोट क्षेत्र में बादल फटने और उसके बाद भूस्खलन के कारण हुआ। जेएसडी कर्मचारियों ने एक को छोड़कर सभी योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया है, जिससे कार्यक्षमता सुनिश्चित हो गई है।
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