नई दिल्ली, तीन सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के तहत दो दिवसीय वार्षिक बैठक के लिए भारत आया है। बैठक सोमवार को शुरू हो रही है। इससे पहले, सिंधु जल संधि की 117वीं बैठक 1-3 मार्च को इस्लामाबाद में हुई थी। इस बैठक का नेतृत्व भारत के तत्कालीन सिंधु आयुक्त पीके सक्सेना ने किया था।
सिंधु नदी जल संधि 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक कीे मध्यस्थता से हुई थी। इसमें छह नदियों ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी के वितरण और इस्तेमाल करने के अधिकार शामिल हैं। इसके प्रावधानों के अनुसार, दोनों देशों में सिंधु आयुक्त और स्थायी सिंधु आयोग को साल में कम से कम एक बार बैठक करनी होती है।
सिंधु बेसिन की छह नदियों में से, भारत का तीन पूर्वी नदियों सतलुज, ब्यास और रावी पर पूर्ण अधिकार है, जबकि पश्चिमी नदियों चिनाब, झेलम और सिंधु पर पाकिस्तान का अधिकार है।