इस्लामाबाद, पाकिस्तान की आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) ने 9 मई के दंगों से संबंधित दो मामलों में इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई के कम से कम 16 नेताओं और कार्यकर्ताओं को भगोड़ा घोषित करने और देश भर के स्थानीय समाचार पत्रों में उनके नाम प्रकाशित करने की तैयारी शुरू कर दी है।
इमरान खान फिलहाल न्यायिक रिमांड पर अटक जेल में हैं। उनकी रिमांड को एक विशेष अदालत की सुनवाई के दौरान 26 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था।
दूसरी ओर, पीटीआई के सह-अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की जमानत भी विशेष अदालत ने 26 सितंबर तक बढ़ा दी है, जो उनके और इमरान खान दोनों के खिलाफ सिफर मामले की सुनवाई कर रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके राजनीतिक दल के सदस्यों पर कानूनी चुनौतियां जारी हैं। जिनमें से कई नेता पहले ही पार्टी से अलग हो चुके हैं, जबकि अन्य गिरफ्तारी के डर से छिप गए हैं।
एटीसी के अनुसार, 16 पीटीआई नेताओं में असलम इकबाल, फारुख हबीब और जुबैर नियाज़ी शामिल हैं। ये कथित तौर पर 9 मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर से इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में सैन्य प्रतिष्ठानों पर लक्षित हमले करने, देश में सरकारी संपत्तियों को लूटने और तोड़फोड़ करने के लिए हिंसक भीड़ को उकसाने तथा नेतृत्व करने में शामिल थे।
एटीसी ने अभियोजन पक्ष को संदिग्धों की उपस्थिति के लिए समाचार पत्रों में एक उद्घोषणा प्रकाशित करने का निर्देश दिया है। सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां अभी भी 9 मई के दंगों में शामिल सभी लोगों की तलाश कर रही हैं।
हाल ही में सेवानिवृत्त कर्नल अजमल साबिर को हिंसा और बर्बरता में उनकी कथित संलिप्तता के लिए रावलपिंडी से गिरफ्तार किया गया था। पीटीआई प्रमुख और उनकी पार्टी के लिए आगे की राह कठिन होती जा रही है क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से लेकर देशद्रोह तक के गंभीर आरोप हैं।