सिंध (पाकिस्तान), पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कॉलेज शिक्षकों ने सरकार की अनदेखी के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। सिंध प्रोफेसर्स एंड लेक्चरर्स एसोसिएशन (एसपीएलए) ने बताया कि वह अपनी समस्याओं को लेकर 15 अप्रैल को सुक्कुर, 17 अप्रैल को हैदराबाद और 22 अप्रैल को कराची में धरना प्रदर्शन करेंगे।
एसपीएलए के केंद्रीय अध्यक्ष मुनव्वर अब्बास और महासचिव गुलाम मुस्तफा काका ने कहा कि सरकार को कई बार लिखित रूप से अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरन अब शिक्षक सड़कों पर उतरने को विवश हैं।
एसपीएलए नेताओं का आरोप है कि प्राथमिक स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालयों तक के शिक्षकों को तरक्की और सुविधाएं दी गई हैं, लेकिन कॉलेज शिक्षकों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
एसपीएलए ने अपनी 14 मांगों की सूची जारी की है, जिसमें मुख्य मांगें रखी गई हैं। इनमें मांग की गई है कि कॉलेज शिक्षकों के लिए खैबर पख्तूनख्वा की तरह पांच-स्तरीय प्रमोशन प्रणाली लागू की जाए। शिक्षकों के लिए प्रमोशन के अवसर दिए जाएं। कॉलेज स्टाफ को स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएं। जर्जर कॉलेजों का पुनर्निर्माण हो। आधुनिक डिजिटल क्लासरूम की सुविधा दी जाए। स्थायी ट्रांसफर और पोस्टिंग नीति बनाई जाए। कॉलेजों पर हमलों को रोकने के लिए कानून मजबूत किए जाएं।
एसपीएलए का कहना है कि इस आंदोलन का उद्देश्य सिर्फ शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा करना नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र को सुधारना है। इससे पहले भी सिंध में विश्वविद्यालय शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। सरकार ने हाल ही में एक कानून पास किया है, जिसके तहत सरकारी विश्वविद्यालयों में नौकरशाहों को वाइस चांसलर नियुक्त किया जा सकता है।
शिक्षकों का कहना है कि इससे विश्वविद्यालयों की स्वतंत्रता खतरे में पड़ जाएगी और राजनीतिक दखल बढ़ेगा। इसके विरोध में शिक्षकों ने क्लास का बहिष्कार किया और अकादमिक गतिविधियां रोक दीं।
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