September 29, 2024
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भारत के साथ मधुर संबंध चाहता है पाकिस्तान : उप प्रधानमंत्री इशाक डार

 

इस्लामाबाद, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री इशाक डार ने मंगलवार को मोदी सरकार से दोनों परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य पर गंभीरता से विचार करने का आह्वान किया।

 

यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने भारत के साथ संबंधों के बारे में अपने पिछले बयानों को दोहराया और कहा कि पाकिस्तान हमेशा से भारत के साथ अच्छे संबंध रखने का इच्छुक रहा है।

डार ने कहा,” भारत के साथ हमारे संबंध ऐतिहासिक रूप से खराब रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान सतत शत्रुता में विश्वास नहीं करता। हम आपसी सम्मान, संप्रभु समानता और लंबे समय से चले आ रहे जम्मू-कश्मीर विवाद के न्यायसंगत और शांतिपूर्ण समाधान के आधार पर भारत के साथ अच्छे पड़ोसी का संबंध चाहते हैं।”

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत के साथ बेहतर संबंध सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान हर कदम उठाएगा, लेकिन वह किसी भी भारतीय सैन्य दुस्साहस का समुचित जवाब देने से नहीं चूकेगा।

उन्होंने कहा, “हम दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठा रहे हैं, लेकिन भारत के किसी भी सैन्य दुस्साहस का प्रभावी और निर्णायक तरीके से जवाब देंगे।”

डार का बयान ऐसे समय में आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार पदभार संभाला है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।

डार ने उम्मीद जताई कि पीएम मोदी का नया कार्यकाल इस अवसर का उपयोग भारत-पाकिस्तान संबंधों के भविष्य पर अधिक गंभीर चिंतन करने के लिए करेगा।

उन्होंने कहा, “हमारे विचार में, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के गठन के साथ ही यह समय भारत-पाकिस्तान संबंधों के भविष्य और पूरे क्षेत्र को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर गंभीर चिंतन करने का है।”

उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर राज्य की विशेष स्थिति को बदलने के लिए अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करने के भारत के फैसले ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है।

डार ने कहा, “सभी मुद्दों पर उद्देश्यपूर्ण व परिणामोन्मुखी वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी भारत पर है।”

उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान को बदनाम करने का अभियान बंद कर दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।”

 

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