पालमपुर, 28 जून पालमपुर के निकट जंगल में लगी आग को बुझाते समय घायल हुई 46 वर्षीय महिला की पीजीआई, चंडीगढ़ में मौत हो गई।
पालमपुर से 10 किलोमीटर दूर राख गांव की रहने वाली पिंकी 16 जून को अन्य ग्रामीणों के साथ जंगल में लगी आग को बुझाने गई थी। वह गहरी खाई में गिर गई और उसके कई पैर टूट गए। उसे सिविल अस्पताल, पालमपुर ले जाया गया और बाद में पीजीआई, चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया, जहां 19 जून को उसकी मृत्यु हो गई।
इस वर्ष राज्य के कई जंगलों में आग लग गई है। पिंकी के परिवार में उनके पति और एक बेटी है। उनके पति रवि ने आज द ट्रिब्यून को बताया कि जब वह गांव के किनारे लगी जंगल की आग को बुझाने की कोशिश कर रहे थेतो पिंकी आग में फंस गई।
भागने की कोशिश में वह एक खाई में गिर गई और गंभीर रूप से घायल हो गई। टीम ने आज पीड़ित परिवार से संपर्क किया और उन्हें बताया गया कि अभी तक न तो जिला प्रशासन और न ही वन विभाग के प्रतिनिधि उनसे मिलने आए हैं।
हालांकि पालमपुर की एसडीएम नेत्र मेती ने परिवार को 25,000 रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता दी है। वन विभाग ने अभी तक परिवार को वित्तीय सहायता जारी नहीं की है।
पालमपुर प्रभागीय वन अधिकारी ने कहा, “विशेषज्ञों ने इस साल जंगल में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि के लिए बढ़ते तापमान और असाधारण रूप से शुष्क गर्मियों को जिम्मेदार ठहराया है। राज्य में ज़्यादातर जंगल की आग मानव निर्मित हैं। हम जंगलों में आग लगाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।”
गर्मियों की शुरुआत से लेकर अब तक राज्य के निचले पहाड़ी इलाकों में 1,000 से ज़्यादा जंगल में आग लगने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। राज्य में दोषियों के खिलाफ़ एक दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं।