January 31, 2025
Himachal

पालमपुर ने अपने बेटे, कारगिल नायक कैप्टन विक्रम बत्रा को याद किया

Palampur remembers its son, Kargil hero Captain Vikram Batra

पालमपुर के निवासियों ने आज कारगिल नायक कैप्टन विक्रम बत्रा की जयंती पर उनके बलिदान को नमन किया। कैप्टन बत्रा ने 7 जुलाई 1999 को 24 वर्ष की आयु में कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह के पास उनकी प्रतिमा के समक्ष श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

स्थानीय राजनेताओं, रोटरी क्लबों के सदस्यों और सामाजिक संगठनों के प्रमुखों सहित कई लोगों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कैप्टन बत्रा को मरणोपरांत परमवीर चक्र दिया गया। वे कारगिल के दौरान सैनिकों की वीरता का चेहरा बन गए, उनके शब्द ‘ये दिल मांगे मोर…’ आज भी याद किए जाते हैं।

ऊंचे इलाकों में युद्ध लड़ना एक कठिन काम है। कारगिल एक लंबी लड़ाई थी। जब पूरा देश सांस रोककर इंतजार कर रहा था, 4 जुलाई 1999 की सुबह टाइगर हिल पर भारतीय ध्वज मजबूती से लहरा रहा था और पूरा भारत जश्न मना रहा था। ऑपरेशन विजय सफल रहा।

9 सितंबर 1974 को पालमपुर में जन्मे कैप्टन बत्रा सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल गिरधारी लाल बत्रा और स्कूल टीचर कमल कांता बत्रा की तीसरी संतान थे। कैप्टन बत्रा ने वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी और अपने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।

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