सीएसआईआर-हिमालयी जैव-संसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर-आईएचबीटी), पालमपुर में आज दो दिवसीय ट्यूलिप महोत्सव और सजावटी बल्बनुमा फूलों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हुई। संगोष्ठी का आयोजन इंडियन सोसाइटी ऑफ ऑर्नामेंटल हॉर्टिकल्चर (आईएसओएच) के सहयोग से किया जा रहा है और इसका उद्देश्य सजावटी बल्बनुमा फूलों को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सीएसआईआर-आईएचबीटी के निदेशक डॉ. सुदेश कुमार यादव ने अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का अभिवादन किया। उन्होंने क्षेत्र की आजीविका और अर्थव्यवस्था को आकार देने में पुष्प-कृषि की भूमिका और इसके विकास में संस्थान के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने सीएसआईआर पुष्प-कृषि मिशन पर जोर दिया, जो फूलों की फसलों के माध्यम से जैव-अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए लोगों में प्रचार, सुधार, मूल्य संवर्धन और जागरूकता पैदा करता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संगोष्ठी सभी को लाभान्वित करने वाली नई पहलों का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने संगोष्ठी की शानदार सफलता की कामना की।
आईएसओएच के उपाध्यक्ष डॉ. वाईसी गुप्ता इस समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने इस क्षेत्र में हाल ही में किए गए कार्यों और फूलों की खेती के व्यापक दायरे पर विस्तार से चर्चा की। आईएसओएच के सचिव डॉ. एसएस सिंधु ने संगोष्ठी के बारे में जानकारी दी और फूलों की खेती को बढ़ावा देने में समाज की भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर पुष्प-कृषि के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को फेलोशिप और पुरस्कार भी प्रदान किए गए। संगोष्ठी के एक भाग के रूप में, अवसरों और नवीन कृषि पद्धतियों को प्रदर्शित करने वाले किसान मेले का भी उद्घाटन किया गया।
संगोष्ठी में देश भर से 250 से अधिक प्रतिभागियों, 15 उद्योगों के प्रतिनिधियों और आसपास के राज्यों के 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया। सीएसआईआर-आईएचबीटी के वैज्ञानिक डॉ. भव्य भार्गव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
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