आयुष मंत्री यदविंदर गोमा ने आज राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुष संस्थानों के लिए पंचकर्म चिकित्सा पाठ्यक्रम और पुरस्कार योजना के विस्तार की घोषणा की। आयुष विभाग ने इस अवसर पर ‘आयुर्मंथन – हिमाचल में आयुष: सतत विकास का रोडमैप’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया।
वर्तमान में दो आयुर्वेदिक अस्पतालों में संचालित इस पाठ्यक्रम को राज्य भर के 10 आयुर्वेदिक अस्पतालों तक विस्तारित किया जाएगा, जिससे हर साल 170 पंचकर्म चिकित्सकों को प्रशिक्षण मिलेगा। इस कदम का उद्देश्य तेज़ी से बढ़ते स्वास्थ्य उद्योग के लिए कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराना है।
मंत्री ने आयुष संकलन का भी शुभारंभ किया, जो एक डिजिटल स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली है जिसे दवाओं की सूची की निगरानी, रोगियों के रिकॉर्ड रखने और विभागीय कर्मचारियों के लिए एक ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली सक्षम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पोर्टल वास्तविक समय में संस्थागत रिपोर्ट तैयार करेगा, जिससे अधिक पारदर्शिता और प्रभावी शासन सुनिश्चित होगा।
गोमा ने सरकारी आयुर्वेदिक फार्मेसियों के लोगो का भी अनावरण किया, जो अब ‘हिमोषधाम’ ब्रांड नाम से अपनी दवाओं का विपणन करेंगी। मंत्री ने कहा, “इस कदम का उद्देश्य सरकारी फार्मेसियों को प्रतिस्पर्धी और विश्वसनीय ब्रांडों में बदलना है।”
संगोष्ठी में वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों और उद्योग जगत के दिग्गजों सहित 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में आयुष औषधि उद्योग के लिए गैर-काष्ठ वन उपज के उपयोग, सरकारी आयुष फार्मेसियों को सुदृढ़ बनाने और राज्य में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर चर्चा की गई।