न्यूयॉर्क, भारतीय मूल के डॉक्टर डॉ विनोद बालाचंद्रन की अगुवाई में दुनिया में पहली बार पैन्क्रिएटिक कैंसर के एमआरएनए आधारित टीके का परीक्षण चल रहा है। शुरूआती चरण में इस टीके का परीक्षण सफल बताया जा रहा है। जर्मनी की बायोटेक कंपनी बायोएनटेक एमआरएनए के आधार पर इस टीके को विकसित कर रही है। इस टीम की अगुवाई न्यूयॉर्क के मेमोरियल स्लोअन केटरिंग कैंसर सेंटर के डॉ विनोद कर रहे हैं।
परीक्षण के दौरान पाया गया कि ट्यूमर हटाये जाने और टीका लेने के 18 माह बाद 50 फीसदी मरीज कैंसरमुक्त थे। कैंसर सेंटर के अनुसार, इस टीके का मुख्य आधार पैन्क्रिएटिव ट्यूमर का प्रोटीन ‘नियोएंटीजेंस’ है। यह इम्युन सिस्टम को सतर्क करता है कि वह कैंसर को दूर रखे। इस परिणाम को शिकागो में आयोजित अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी कांफ्रेंस में भी प्रस्तुत किया गया है।
परीक्षण के दौरान पाया गया कि 16 में से आठ मरीजों में टीक ने टी सेल को सक्रिय कर दिया। यह टी सेल पैन्क्रिएटिक कैंसर की पहचान करता है। इन मरीजों के पैन्क्रिएटिक कैंसर से दोबारा ग्रसित होने की गति धीमी पाई गई। डॉ विनोद के मुताबिक, एमआरएनए टीका इम्युन सिस्टम को सक्रिय कर देता है, जो पैन्क्रिएटिक कैंसर की कोशिका की पहचान करता है और उन पर हमला करता है। शुरूआती परिणाम उत्साहवर्धक हैं क्योंकि अगर मरीज का इम्युन रिस्पॉन्स सही है तो इसका परिणाम बेहतर हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यह अन्य प्रकार के कैेंसर से ग्रसित मरीजों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि पैन्क्रिएटिक कैँसर का उपचार पारंपरिक कीमोथेरेपी और इम्युनोथेरेपी से बहुत मुश्किल होता है। इस तरह का परीक्षण दवा कंपनी मॉडर्ना पेट के कैंसर के लिए कर रही है।
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