चंबा जिले की जनजातीय पांगी घाटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने पंगवाल एकता मंच के बैनर तले शुक्रवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं।
पंगवाल एकता मंच के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र से संबंधित विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की। प्राथमिक मांगों में से एक 2026 में परिसीमन प्रक्रिया के दौरान पांगी को एक अलग विधानसभा क्षेत्र के रूप में बहाल करना था।
उन्होंने राज्य सरकार से चेहनी दर्रा सुरंग निर्माण परियोजना के लिए केंद्र से पैरवी करने, पांगी में आईएएस रेजिडेंट कमिश्नर की तैनाती सुनिश्चित करने तथा कुल्लू में पांगी भवन के रुके हुए निर्माण में तेजी लाने का भी आग्रह किया।
उनकी मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि जब भी परिसीमन आयोग अधिसूचित होगा, पांगी के लिए एक अलग विधानसभा क्षेत्र की मांग के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को चेहनी दर्रा सुरंग परियोजना को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने, पांगी में आईएएस रेजिडेंट कमिश्नर की तैनाती के आदेश जारी करने और कुल्लू और चंबा दोनों में पांगी भवनों का निर्माण शुरू करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पांगी में बिजली आपूर्ति की चुनौतियों का संज्ञान लिया, जहां 1,400 केवी की मांग के मुकाबले केवल 700 केवी उपलब्ध थी।
सुखू ने अप्रैल में पांगी का दौरा करने और 2 मेगावाट की सौर पैनल बैटरी भंडारण परियोजना की आधारशिला रखने की योजना की घोषणा की, जिससे घाटी की कुछ ऊर्जा संबंधी चिंताओं का समाधान होने की उम्मीद है। पंगवाल एकता मंच ने उनकी चिंताओं को धैर्यपूर्वक सुनने और कार्रवाई के लिए तत्काल निर्देश जारी करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
इससे पहले, गुरुवार को प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं सचिव (निर्वाचन) नंदिता गुप्ता से भी मुलाकात की थी और पांगी को विधानसभा क्षेत्र के रूप में बहाल करने की मांग को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा था।
बैठक के दौरान, पांगी से ताल्लुक रखने वाली गुप्ता ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी। पंगवाल एकता मंच की अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि इस मामले को चुनाव आयोग के समक्ष उठाया जाएगा।
Leave feedback about this