हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा आदर्श आचार संहिता के दौरान रिहायशी सेक्टरों में स्टिल्ट-प्लस-4 योजना को अनुमति देने के निर्णय से नाराज विभिन्न सेक्टरों के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के सदस्यों ने शुक्रवार को सेक्टर 18 स्थित एचएसवीपी के संपदा कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया।
सदस्यों ने आरोप लगाया कि बिल्डरों के दबाव में कार्यवाहक सरकार ने यह फैसला लिया है और 268 आरडब्लूए की राय को नजरअंदाज किया जा रहा है। हरियाणा सेक्टर परिसंघ के संयोजक बलजीत सिंह के नेतृत्व में सेक्टर 6, 7, 8, 11, 12, 13, 17, 18, 24, सेक्टर 25 (II) और सेक्टर 29 (I) और (II) के आरडब्लूए सदस्यों ने एचएसवीपी अधिकारियों के साथ-साथ भाजपा सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की। बलजीत ने कहा कि सरकार ने एस+4 की अनुमति देकर जहां निवासियों को गुमराह किया है, वहीं एचएसवीपी ने हाईकोर्ट को भी गुमराह किया है।
उन्होंने कहा कि परिसंघ के चेयरमैन यशवीर मलिक ने भी भारत निर्वाचन आयोग और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को चुनाव के दौरान एस+4 योजना की अनुमति दिए जाने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई है।
बलजीत ने कहा, “सुबह 9 बजे ईओ कार्यालय में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ और 11.30 बजे समाप्त हुआ, लेकिन कोई अधिकारी उनसे नहीं मिला। हमने अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा।”
उन्होंने बताया कि सेक्टरों को तीन अलग-अलग विभागों में बांटा गया है। कुछ सेक्टर एचएसवीपी के अधीन हैं, कुछ नगर निगम के अधीन हैं जबकि कुछ का रख-रखाव एचएसआईआईडीसी कर रहा है।
प्रदर्शनकारी आरडब्ल्यूए सदस्यों ने कहा कि सुविधाओं की कमी के कारण निवासियों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, “पिछले एक साल से सेक्टरों में न तो झाड़ू लगाई गई है और न ही कूड़ा उठाया गया है। सड़कें खस्ताहाल हैं, स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं, पीने के पानी की आपूर्ति अनियमित है, सेक्टरों में कूड़े के ढेर आम बात है और बारिश के पानी की निकासी का कोई उचित प्रबंधन नहीं है।” उन्होंने कहा कि यह सब तब हो रहा है, जब वे नियमित रूप से अधिकारियों को विकास, पानी और सीवेज के सभी शुल्क का भुगतान कर रहे हैं।
निवासियों ने एचएसवीपी अधिकारियों पर ग्रीन बेल्ट पर अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का भी आरोप लगाया।