N1Live Haryana पानीपत चीनी मिल कम चीनी रिकवरी और गोदाम की खराब स्थिति को लेकर जांच के घेरे में
Haryana

पानीपत चीनी मिल कम चीनी रिकवरी और गोदाम की खराब स्थिति को लेकर जांच के घेरे में

Panipat sugar mill under investigation for low sugar recovery and poor condition of warehouse.

पानीपत, 2 जून डाहर स्थित पानीपत सहकारी चीनी मिल इस सीजन में चीनी की कम रिकवरी तथा चीनी की बोरियां रखने वाले गोदाम की खराब स्थिति के कारण जांच के घेरे में है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 360 करोड़ रुपये की लागत से 70 एकड़ में 50,000 क्विंटल गन्ना पेराई क्षमता वाला नया प्लांट स्थापित किया है। नवीनतम तकनीक के उपकरणों से लैस यह प्लांट 2022 में पूरी तरह चालू हो जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि सरकार ने चालू पेराई सत्र के लिए 6.5 करोड़ रुपये की लागत से एक कंपनी को टेंडर आवंटित किया था। मिल ने गन्ना पेराई करके 10 प्रतिशत चीनी रिकवरी का लक्ष्य रखा था, लेकिन इस सत्र में मिल ने केवल 9.2 प्रतिशत ही रिकवरी की है। सूत्रों ने बताया कि इस सत्र में मिल ने कुल 63.43 लाख क्विंटल गन्ना पेराई की है।

इसके अलावा, चीनी के स्टॉक का रखरखाव भी सवालों के घेरे में है। गोदाम की हालत बहुत खराब है, बोरियाँ फटी हुई हैं और चीनी फर्श पर बिखरी हुई है। एक सूत्र ने बताया, “चीनी बोरियों में पिघल रही है, लेकिन इस पर नज़र रखने वाला कोई नहीं है।”

सूत्रों ने बताया कि ठेकेदार ने इस साल चीनी की तुलना में अधिक गुड़ बनाया है, जिससे चीनी मिल को बड़ा घाटा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने टेंडर के तहत सूचीबद्ध कामों को पूरा नहीं किया। कंपनी इस सीजन में अपेक्षित मैनपावर भी उपलब्ध कराने में विफल रही है। सूत्रों ने बताया कि चीनी मिल की मशीनरी भी जाम हो गई है, क्योंकि मशीनों के चैंबर में ब्राउन शुगर फंसी हुई है।

चीनी मिल का निर्माण एक निजी कंपनी ने किया था, लेकिन उसने कई सिविल कार्य बीच में ही छोड़ दिए। सूत्रों ने बताया कि हाल ही में आए तूफान में बैगास वाहक का ऊपरी प्लेटफॉर्म टूट गया। नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि काम पूरा नहीं हुआ, लेकिन भुगतान कर दिया गया। इसके अलावा, जिस कंपनी को हाल ही में ठेका मिला है, उसने भी इस साल चीनी मिल के लिए बड़ा घाटा उठाया है।

चीनी मिल के अतिरिक्त उपायुक्त और कार्यवाहक एमडी डॉ. पंकज यादव ने बताया कि हाल ही में उन्हें मिल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने इतनी कम दर पर टेंडर लिया था कि उसे उचित कर्मचारी नहीं मिल पाए और वह नियमों का पालन नहीं कर पाया। उन्होंने बताया कि कंपनी को चीनी रिकवरी में घाटा हुआ है और मिल की मशीनरी को भी नुकसान पहुंचा है।

एडीसी डॉ. पंकज ने कहा, “हमने कंपनी का भुगतान रोक दिया है। जब तक कंपनी नियमों का पालन नहीं करती, तब तक भुगतान जारी नहीं किया जाएगा। हम इस ठेकेदार को दंडित करने जा रहे हैं और कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की भी सिफारिश करेंगे।”

Exit mobile version