मडलौडा क्षेत्र के कई गांवों के निवासियों ने पानीपत-जींद रेलवे लाइन पर करसिंधु रेलवे स्टेशन के पास रेलवे अंडरपास (आरयूबी) के निर्माण में हो रही देरी पर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि अंडरपास का निर्माण परियोजना की ड्राइंग के अनुसार नहीं किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने हाल ही में इस संबंध में केंद्रीय रेल मंत्री, मुख्यमंत्री और उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) और पानीपत के उपायुक्त को लिखित शिकायत भेजी है।
दरियापुर, उरलाना खुर्द, उरलाना कलां और जीतगढ़ गांव के लोगों ने अपनी शिकायत में बताया कि रेलवे की इंजीनियरिंग विंग ने पानीपत-जींद रेलवे ट्रैक पर करसिंधु रेलवे स्टेशन के पास अंडरपास का निर्माण अक्टूबर 2023 में शुरू किया था। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन अगस्त 2024 थी, लेकिन काम अभी भी लंबित है। अब रेलवे ने प्रोजेक्ट पूरा करने की नई तारीख बताई है, जो 31 मार्च तक है।
रेलवे द्वारा परियोजना स्थल पर लगाया गया एक बोर्ड। निर्माण में देरी के कारण कई गांवों के निवासियों को रोजाना काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
दरियापुर के अजमेर सिंह, दलीप जीतगढ़, सतबीर, रोहतास, राजपाल, विजय, राज सिंह, दयानंद व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि जिस सड़क पर अंडरपास बनाया जा रहा है, वह कई गांवों के लिए मुख्य मार्ग है, लेकिन यह लंबे समय से बंद पड़ा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रेलवे अधिकारियों ने किसी ‘हाई-प्रोफाइल व्यक्ति’ के नेतृत्व में आरयूबी की ढलान को एक तरफ से छोटा कर दिया है, जिससे गेहूं और अन्य अनाज से लदे वाहन उस पर ठीक से नहीं चल पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि ढलान का निर्माण परियोजना की ड्राइंग के अनुसार नहीं किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे ने अंडरपास के एक तरफ दीवार नहीं बनाई, जिसके कारण दोनों तरफ शेड नहीं लगाया जा सका, जिससे बरसात के मौसम में जलभराव हो जाएगा।
गांव वालों ने बताया कि दरियापुर, उरलाना काना और उरलाना खुर्द का मुख्य मार्ग कई महीनों से बंद पड़ा है, जिस कारण उनके पास रेलवे स्टेशन तक पहुंचने का कोई सीधा रास्ता नहीं है। अजमेर सिंह ने बताया, “पहले गांव वाले आपातकालीन स्थिति में पीजीआईएमएस जाने के लिए करसिंधु स्टेशन से ट्रेन पकड़ते थे।”
ग्रामीणों ने अंडरपास का निर्माण ड्राइंग के अनुसार करने की मांग की तथा कमेटी बनाकर मामले की जांच कराने की भी मांग की।
पानीपत रेलवे के अतिरिक्त मंडल इंजीनियर एसबी मनचंदा ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अंडरपास का निर्माण ड्राइंग के अनुसार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “ग्रामीणों ने रेलवे स्टेशन तक पहुँचने के लिए रास्ते की माँग की है, इसलिए हमने उनसे संबंधित पटवारी को बुलाकर वहाँ ज़मीन का सीमांकन करने को कहा है। फिर हम ग्रामीणों की सुविधा के लिए दूसरा रास्ता दे सकते हैं।”
सीनियर सेक्शन इंजीनियर संदीप कल्याण ने कहा, “साइट के दौरे के दौरान, हमने ग्रामीणों को तीन विकल्प दिए और यह तय किया गया कि भूमि के सीमांकन के बाद, उनके लिए एक मार्ग बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए एक पटवारी नियुक्त करने के लिए तहसीलदार, पानीपत को एक पत्र भेजा गया है।”
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