नई दिल्ली, 2 जनवरी । खालिस्तान नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून ने भारत के खिलाफ हिंसा भड़काने के अपने उकसावे को जारी रखते हुए सोमवार को 12 मार्च 2024 से बीएसई को निशाना बनाकर देश के “आर्थिक विनाश” की धमकी दी।
यह दिन 1993 में मुंबई में सिलसिलेवार विस्फोटों की 31वीं बरसी के साथ मेल खाता है, जो बीएसई भवन के तहखाने में विस्फोट के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे।
पन्नून ने सोमवार को जारी एक वीडियो संदेश में कहा, “1993 के विपरीत, जिसने बीएसई की इमारतों को नुकसान पहुंचाया था, 12 मार्च से बीएसई/एनएसई को निशाना बनाने के आह्वान का उद्देश्य भारत की आर्थिक प्रणाली को नष्ट करना है।”
प्रतिबंधित सिख्स फॉर जस्टिस समूह के कानूनी सलाहकार पन्नुन ने लोगों से इस साल 12 मार्च से पहले “भारतीय स्टॉक को डंप करने” और “अमेरिकी स्टॉक खरीदने” का भी आग्रह किया।
भारत द्वारा 2020 में ‘व्यक्तिगत आतंकवादी’ के रूप में सूचीबद्ध पन्नून ने एसएफजे के शीर्ष लक्ष्यों के रूप में बीएसई/एनएसई पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करने वाले शीर्ष भारतीय बैंकों का भी नाम लिया।
खालिस्तान नेता का ताजा हमला 30 दिसंबर को अयोध्या में अपने नियोजित रोड शो के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए “यूपी के मुसलमानों” को उकसाने के बाद आया है। जबकि अमेरिका का दावा है कि उसने पन्नून को भारतीय एजेंटों द्वारा कथित हत्या से बचाया है, भारत में वह आतंकवाद और राजद्रोह सहित लगभग दो दर्जन मामलों में वांछित है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत द्वारा 3 फरवरी 2021 को पन्नून के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे और 29 नवंबर 2022 को उसे ‘भगोड़ा अपराधी’ घोषित किया गया था। एनआईए ने सितंबर 2023 में अमृतसर और चंडीगढ़ में उसकी संपत्तियां जब्त कर लीं। एजेंसी ने 4 नवंबर को एयर इंडिया को धमकी देने वाले एक वीडियो को लेकर उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया।
पिछले महीने उसने एक वीडियो जारी किया था जिसमें उसने कहा था कि अमेरिकी धरती पर उसे मारने की कथित नाकाम साजिश के बाद वह 13 दिसंबर या उससे पहले भारतीय संसद को निशाना बनाएंगा।