नाहन, 5 जुलाई पांवटा साहिब में फैंसी वाहन पंजीकरण संख्या ‘एचपी17एच-0001’ के लिए ऑनलाइन नीलामी में भारी बोली लगी और कीमत 60 लाख रुपये तक पहुंच गई, लेकिन यह सौदा विफल साबित हुआ। 60 लाख रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाने वाला व्यक्ति यह राशि जमा कराने में विफल रहा और उसे 1.56 लाख रुपये की जमानत राशि गंवानी पड़ी।
चूंकि शीर्ष बोलीदाता 3 जुलाई को शाम 5 बजे तक राशि जमा करने में विफल रहा, इसलिए नंबर को फिर से नीलामी के लिए रखा जाएगा।
पांवटा साहिब के उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्राधिकरण (आरएलए) गुंजीत सिंह चीमा ने कहा कि अन्य दो बोलीदाताओं को उनकी सुरक्षा राशि वापस कर दी जाएगी, हालांकि 2,000 रुपये का आवेदन शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि फैंसी वाहन पंजीकरण नंबरों के लिए ऑनलाइन टेंडर सॉफ्टवेयर में सफल बोलीदाता का विवरण तभी सार्वजनिक किया जाता था जब पैसा सरकारी खाते में जमा हो जाता था। चूंकि सबसे ऊंची बोली लगाने वाले ने 60 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया था, इसलिए डैशबोर्ड पर व्यक्तिगत विवरण दिखाई नहीं दे रहा था।
हालांकि, इस नीलामी से सरकार के खजाने में 1.56 लाख रुपए की बढ़ोतरी हुई। इससे यह बात उजागर हुई कि शीर्ष बोलीदाता द्वारा प्रतिस्पर्धियों को बाहर करने के लिए ऊंची बोली लगाने की प्रथा का उद्देश्य उन्हें पसंदीदा नंबर पाने से रोकना था।
धोखाधड़ी वाली बोली से निपटने और राज्य के खजाने को मजबूत करने के लिए, सरकार ने अनिवार्य किया है कि नीलामी से पहले आरक्षित मूल्य अग्रिम रूप से जमा किया जाना चाहिए। इस उपाय का उद्देश्य गैर-गंभीर बोलीदाताओं को रोकना है।