पांवटा साहिब की एक दवा कंपनी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के घेरे में है, जिसने जिला प्रशासन से उक्त कंपनी और पांच अन्य व्यक्तियों के स्वामित्व वाली संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है।
7 दिसंबर, 2024 के पत्र के अनुसार, सिरमौर के उपायुक्त को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत विदित हेल्थकेयर, पांवटा साहिब की संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।
ईडी ने किशनपुरा गांव में विदित हेल्थकेयर (जो एक साझेदारी फर्म है) के स्वामित्व वाली संपत्तियों के अलावा नीरज भाटिया और उनकी पत्नी महक भाटिया, नवीन भाटिया और नेति सीन भाटिया और उनकी पत्नी निर्मल भाटिया की संपत्तियों का विवरण मांगा है।
पोंटा साहिब के तहसीलदार ऋषभ शर्मा ने बताया कि राजस्व अधिकारियों द्वारा की गई जांच के अनुसार, फर्म के पास खसरा नंबर 149 में नीरज भाटिया के नाम पर 6.04 बीघा जमीन है और किशनपुरा गांव में नवीन भाटिया के नाम पर 2.04 बीघा और 1.02 बीघा जमीन पंजीकृत है।
उन्होंने पुष्टि की कि पीएमएलए अधिनियम के तहत ईडी द्वारा पूछताछ के बाद लिखित निर्देश प्राप्त होने के बाद आज उपायुक्त को जानकारी प्रदान की गई।
गौरतलब है कि अगस्त 2024 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जम्मू स्थित टीम ने कोडीन सिरप बनाने वाली कंपनी विदित हेल्थकेयर, पांवटा साहिब के मालिकों में से एक नीरज भाटिया को कोडीन सिरप की नापाक बिक्री के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एनसीबी ने पिछले साल दिल्ली में भाटिया और उसके सहयोगी के घर से 33.980 किलोग्राम कोडीन आधारित कफ सिरप, अल्प्राजोलम की 900 गोलियां, ट्रामाडोल के 56 कैप्सूल, लोराज़ेपाम की 210 गोलियां, क्लोबज़म की 570 गोलियां और 15.03 लाख रुपये नकद जब्त किए थे।
चूंकि अधिनियम में नशीली दवाओं की अवैध बिक्री और खरीद से प्राप्त संपत्तियों को फ्रीज करने, जब्त करने और जब्त करने का प्रावधान है, इसलिए एनसीबी ने पांवटा साहिब के राजस्व अधिकारियों से संपत्ति का विवरण भी मांगा है। विनिर्माण फर्म एक दशक से अधिक समय से काम कर रही है।
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